ईटानगर, पांच जून (भाषा) अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति बृहस्पतिवार को भी गंभीर बनी रही और लगातार बारिश के कारण यहां 24 जिलों में 33 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल मानसून की बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ के बीच कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान जारी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न जिलों के 214 गांवों की 33,200 की आबादी बाढ़ और भूस्खलन के कारण प्रभावित हुई है, जबकि अधिकतर प्रमुख नदियां और उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं, हालांकि ये नदियां अपने सामान्य जलस्तर से नीचे बह रही हैं।
कुल मिलाकर, राज्य भर में 481 घर क्षतिग्रस्त हुए और 432 पशुओं के मारे जाने की सूचना है।
भूस्खलन और बाढ़ से संबंधित घटनाओं के कारण पूर्वी कामेंग में सात, निचले सुबानसिरी में दो तथा लोंगडिंग, लोहित और अंजॉ जिलों में एक-एक मौत की सूचना है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में नौ लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई, एक की बाढ़ से संबंधित घटना में, दूसरे की दीवार गिरने के कारण और मई में लोंगडिंग जिले में खराब मौसम के दौरान पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान चार अन्य लोग घायल भी हुए।
राज्य में चांगलांग सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां छह गांव जलमग्न हो गए हैं और 2,231 लोग बेघर हो गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मियाओ उपविभाग के कई क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं, जहां पशुओं और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
चांगलैंड में नोआ-देहिंग नदी के पास स्थित ज़ुप्रा और रीवर कैफे जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि खारसांग क्षेत्र के अंतर्गत बालिनोंग स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में छात्रावास, कर्मचारी आवास, पानी की टंकियों और अन्य बुनियादी अवसंरचना को नुकसान पहुंचा है।
ईटानगर राजधानी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण पोमा जलापूर्ति परियोजना की पाइपलाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे राजधानी के निवासियों के बीच पेयजल संकट पैदा हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि पेयजल आपूर्ति बहाली प्रक्रिया में लगभग 10 दिन लगेंगे।
हालांकि, उन्होंने बताया कि लोगों को पानी की आपूर्ति के लिए विभाग पानी के टैंकरों का इस्तेमाल करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों के लिए कुल तीन राहत शिविर संचालित किए हैं, जो 239 विस्थापित लोगों को आश्रय प्रदान कर रहे है।
अब तक कुल 2,292 लोगों को निकाला गया है और उनमें से 2,231 लोग अकेले चांगलांग से हैं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), राज्य पुलिस और स्वयंसेवकों के सहयोग से राहत और बचाव कार्य जारी है।
भाषा यासिर नरेश
नरेश