ईटानगर, 31 जुलाई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य ‘भारत की उभरती हुई जल विद्युत राजधानी’ है तथा उन्होंने इसकी विशाल ऊर्जा क्षमता और आर्थिक विकास एवं सामुदायिक कल्याण में इसकी परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में खांडू ने कहा कि 56,000 मेगावाट की जल विद्युत क्षमता के साथ अरुणाचल प्रदेश न केवल खुद को राष्ट्र के ऊर्जा इंजन के रूप में स्थापित कर रहा है, बल्कि यह उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहा है कि कैसे प्राकृतिक सौंदर्य और आधुनिक बुनियादी ढांचा एक साथ आगे बढ़ सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘अरुणाचल न केवल भारत की जलविद्युत राजधानी के रूप में उभर रहा है, बल्कि यह इस बात का प्रतीक भी है कि किस प्रकार प्राकृतिक सौंदर्य और प्रगति साथ-साथ चल सकते हैं।’
बिजली क्षेत्र में हुई तीव्र प्रगति का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कई प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएं (जो कभी कागजी कार्रवाई तक ही सीमित थीं) अब परिचालन वास्तविकता बन रही हैं।
उन्होंने कहा कि 600 मेगावाट की कामेंग परियोजना पहले ही पूरी हो चुकी है, जबकि 2,000 मेगावाट की सुबानसिरी लोअर परियोजना चालू होने वाली है।
खांडू ने कहा, ‘देश की ऊर्जा क्षमता को बढ़ावा देने के लिए 2,880 मेगावाट की दिबांग परियोजना (जो भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना बनने वाली है) भी तेजी से प्रगति कर रही है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले तीन वर्षों में 15,000 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाली 13 नयी परियोजनाएं स्थापित होने की उम्मीद है, जो राष्ट्रीय ऊर्जा उत्पादन में अरुणाचल प्रदेश की भूमिका में अभूतपूर्व वृद्धि का संकेत है।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश