शिमला, पांच जून (भाषा) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने विमल नेगी की मौत मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने के फैसले में हस्तक्षेप करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।
इस फैसले का यह मतलब है कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) 10 मार्च को लापता हुए हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता नेगी की मौत के मामले की जांच करता रहेगा।
उनका शव 18 मार्च को बिलासपुर जिले में मिला था और उनकी मौत को लेकर रहस्य बरकरार है।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी को आंशिक राहत प्रदान की, जिन्होंने मामले को विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को हस्तांतरित करने को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।
अदालत ने उनकी याचिका को केवल इस सीमा तक स्वीकार किया कि यह उनकी और विशेष जांच दल के अन्य सदस्यों की व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिष्ठा से संबंधित है। अदालत ने कहा कि उनकी पेशेवर प्रतिष्ठा को कमतर नहीं आंका जाना चाहिए।
गांधी ने सोमवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर 23 मई के उसके आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें जांच सीबीआई को हस्तांतरित कर दी गई थी।
गांधी ने आग्रह किया कि 23 मई को पारित आदेश को इस सीमा तक संशोधित किया जाए कि जांच को सीबीआई या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी को सौंपने के बजाय उच्च न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी को सौंपा जाए ताकि हितों के किसी भी टकराव से बचा जा सके।
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