बेंगलुरु, दो अगस्त (भाषा) अपराध की घटना के चार साल और मामले के प्रकाश में आने के एक साल बाद जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को शनिवार को शेष जीवन के लिए कारावास की सजा सुनाई गई।
अदालत ने उस पर कुल 11.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और निर्देश दिया कि इसमें से 11.25 लाख रुपये पीड़ित महिला को दिए जाएं, जो आरोपी के परिवार की घरेलू सहायिका थी।
विशेष अदालत ने रेवन्ना को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया और जुर्माना भी लगाया।
एक अदालत ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) के संरक्षक एच डी देवेगौड़ा के पोते रेवन्ना (34) को उसके खिलाफ दर्ज यौन शोषण और बलात्कार के चार मामलों में से एक में दोषी ठहराया था।
सांसदों/विधायकों की विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने एक दिन पहले रेवन्ना को दोषी ठहराए जाने के बाद शनिवार को यह फैसला सुनाया।
यह मामला 48 वर्षीय एक महिला से जुड़ा है, जो हासन जिले के होलेनरसीपुरा स्थित आरोपी के परिवार के गन्निकाडा फार्महाउस में सहायिका के रूप में काम करती थी। 2021 में पीड़िता के साथ कथित तौर पर दो बार – हासन फार्महाउस और बेंगलुरु स्थित आवास पर – बलात्कार किया गया और आरोपी ने इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया।
मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) ने रेवन्ना पर आईपीसी की धारा 376(2)(के) (किसी महिला पर नियंत्रण या प्रभुत्व की स्थिति में होने पर, उससे बलात्कार करना), 376 (2)(एन) (महिला से बार-बार बलात्कार), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354बी (महिला के कपड़े उतरवाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354सी (ताक झांक), 506 (आपराधिक धमकी) और 201 (साक्ष्यों को गायब करना) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ई (गोपनीयता का उल्लंघन) के तहत मामला दर्ज किया था।
अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को धारा 376(2)(के) के तहत आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, तथा धारा 376(2)(एन) के तहत आजीवन कारावास जिसका अर्थ बाकी जीवन जेल में गुजारना होगा और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
इसके अलावा उसे धारा 354ए के तहत तीन साल के कठोर कारावास और 25,000 रुपये जुर्माने, धारा 354बी के तहत 7 साल के कठोर कारावास और 50,000 रुपये जुर्माने, धारा 354सी के तहत 3 साल के कठोर कारावास और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
रेवन्ना को धारा 506 के तहत दो वर्ष की कैद और 10,000 रुपये का जुर्माना, धारा 201 के तहत 3 वर्ष की कैद और 25,000 रुपये का जुर्माना तथा आईटी अधिनियम की धारा 66 ई के तहत 3 वर्ष की कैद और 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
विशेष लोक अभियोजक अशोक नायक ने संवाददाताओं को बताया कि बलात्कार की घटना उस समय घटित हुई जब दोषी संसद सदस्य था, इसलिए अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए अधिकतम सजा सुनाई है।
भाषा आशीष माधव
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