(जीवन प्रकाश शर्मा)
नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा)रेलवे में लोको पायलट से अधिक काम लेने और इसे छिपाने के लिए उनके काम के घंटों में हेराफेरी रोकने के लिए पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर)ने पहल की है और अपने सभी पांच मंडलों को ‘ऑनलाइन क्रू मैनेजमेंट सिस्टम’ में ड्यूटी के घंटों की गलत जानकारी दर्ज करने को लेकर चेतावनी दी है।
ईसीआर जोन के प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर ने चार अगस्त को सोनपुर, दानापुर, समस्तीपुर, धनबाद और पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडलों को जारी एक परिपत्र में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे क्रू मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस) में लोको पायलट के ड्यूटी शुरू करने और खत्म करने की जानकारी दर्ज करते समय काम के घंटों में छेड़छाड़ नहीं करें।
परिपत्र में कहा गया है, ‘‘यदि कोई लॉबी ऐसा कर रही है तो उसे तुरंत रोका जाना चाहिए। यदि ऐसे मामले पाए जाते हैं तो चालक दल के नियंत्रकों को इसके लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।’’
‘पीटीआई-भाषा’ने दो अगस्त को खबर दी थी कि ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (एआईएलआरएसए) ने आरोप लगाया है कि विभिन्न रेलवे जोन ट्रेन चालकों के काम के घंटों में हेराफेरी कर रहे हैं। एआईएलआरएसए ने आरोप लगाया था कि लोको पायलट से अधिक काम लेने की जानकारी छिपाने के लिए ऑनलाइन सीएमएस में 12 से 16 घंटे की पाली में गलत तरीके से आराम का समय दर्ज किया जा रहा है।
इससे पहले, एआईएलआरएसए के महासचिव अशोक कुमार राउत ने ईसीआर महाप्रबंधक को पत्र लिखकर एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें लोको पायलट की कार्य स्थितियों को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों को शामिल किया गया था, जिसमें गलत अल्प विराम दर्ज करना भी शामिल था।
राउत ने आरोप लगाया कि सिस्टम में ड्यूटी ब्रेक दर्ज करने का अवैध और असुरक्षित कार्य कुछ वरिष्ठ अधिकारियों, जैसे कि मुख्य ट्रैक्शन लोको कंट्रोलर और मुख्य चालक दल (क्रू) नियंत्रक के मौखिक आदेश पर किया जा रहा है।
राउत के मुताबिक रेलवे ने सीएमएस में आंकड़े दर्ज करने का काम निजी कर्मियों को सौंप दिया है और ये अधिकारी उन्हें इस तरह के विराम दर्ज करने का निर्देश देते हैं।
राउत के ज्ञापन के बाद के धनबाद मंडल ने 15 जुलाई को एक परिपत्र जारी किया, जिसमें सीएमएस में ड्यूटी पर आने और वापस जाने के बीच गलत अल्प विराम दर्ज करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
रेलवे के नियमों के अनुसार, किसी लोको पायलट को एक बार में नौ घंटे से ज्यादा समय लगातार तथा एक ही पाली में कुल मिलाकर 11 घंटे से अधिक काम नहीं करना चाहिए। रेलवे बोर्ड के सुरक्षा विभाग ने 2021 में सभी जोन को निर्देश दिया कि 80 प्रतिशत ड्यूटी नौ घंटे की सीमा के भीतर पूरी की जाएं।
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश