28.5 C
Jaipur
Monday, September 1, 2025

लोकसभा व राज्यसभा ने समुद्री नौवहन से संबंधित एक-एक विधेयक को मंजूरी दी

Newsलोकसभा व राज्यसभा ने समुद्री नौवहन से संबंधित एक-एक विधेयक को मंजूरी दी

नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच बुधवार को संसद के दोनों सदनों में समुद्री नौवहन से संबंधित एक-एक विधेयक को मंजूरी दी गई।

लोकसभा ने वाणिज्यिक जलपोतों के स्वामित्व की पात्रता संबंधी मानदंडों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के अवसरों का विस्तार करने के प्रावधान वाले वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024 संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया। वहीं राज्यसभा ने समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। यह विधेयक भारतीय समुद्र द्वारा माल ढुलाई अधिनियम,1925 की जगह लेगा।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि संसद ने दो महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कर दिया है, जो नीतिगत और कार्यान्वयन दोनों ही दृष्टि से भारत के समुद्री क्षेत्र के आधुनिकीकरण के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।

उन्होंने कहा, ‘इन विधेयकों के पारित होने से, भारत के आधुनिक नौवहन के लिए मोदी सरकार के प्रयासों को संसद से दोहरा समर्थन मिला है।’ यह पहला मौका था जब मंत्रालय से जुड़े दो विधेयकों को एक ही दिन संसद में मंजूरी मिली।

सोनोवाल ने कहा कि ये ऐतिहासिक विधेयक व्यापार में आसानी और भारत के नौवहन क्षेत्र को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए बनाए गए हैं।

लोकसभा में पारित वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक केंद्र सरकार को भारत के भीतर या जलक्षेत्र में बिना राष्ट्रीयता वाले जहाजों को अपने नियंत्रण में लेने का अधिकार देता है, यदि ऐसा जहाज कानूनी रूप से किसी देश का झंडा लगाने का हकदार नहीं है या उसने ऐसा अधिकार खो दिया है।

See also  FOMO7 Rolls Out Evolution's Marble Race

यह विधेयक, वाणिज्य पोत परिवहन अधिनियम, 1958 की जगह लेने के लिए लाया गया है।

राज्यसभा में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक लगभग 100 वर्ष पुराने भारतीय समुद्र द्वारा माल ढुलाई अधिनियम, 1925 की जगह लेगा। उन्होंने कहा कि नया विधान औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।

उन्होंने कहा, ‘‘समुद्र द्वारा माल वहन के क्षेत्र में देश को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए हमें (पुराने अधिनियम में) बदलाव लाने की जरूरत थी, इसलिए यह विधेयक लाया गया।’’

उनके अनुसार, नये विधेयक में भारत में एक बंदरगाह से दूसरे बंदरगाह या दुनिया के किसी भी बंदरगाह तक माल की ढुलाई की जिम्मेदारियों, देनदारियों, अधिकार और छूट से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।

भाषा अविनाश नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles