राजस्थान में साल 2022 में उदयपुर में हुई कन्हैया लाल टेलर की जघन्य हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस दिल दहला देने वाली घटना के सच को सामने लाने और कन्हैया लाल को न्याय दिलाने की मांग के साथ इस पर ‘उदयपुर फाइल्स’ नाम की फिल्म बनाई गई. निर्माता अमित जानी के निर्देशन में बनी इस फिल्म की रिलीज को लेकर पिछले कुछ समय से कई मुश्किलें आ रही थीं, जिससे परिवार में मायूसी का माहौल था.
राजस्थान में साल 2022 में उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की दिनदहाड़े हुई नृशंस हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। यह घटना न केवल इंसानियत को शर्मसार करने वाली थी, बल्कि इसने देश की कानून-व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए थे।
इस घटना की सच्चाई को उजागर करने और कन्हैया लाल को इंसाफ दिलाने के उद्देश्य से निर्माता अमित जानी ने उदयपुर फाइल्स’ नाम की फिल्म बनाई। फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है और इसका निर्देशन खुद अमित जानी ने किया है। निर्माता अमित जानी को इस फिल्म को रिलीज करने से पहले कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा फिलहाल सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस फिल्म को रिलीज करने की इजाजत दे दी।
कब होगी रिलीज
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फैसले के बाद अब ये फिल्म 8 अगस्त को रिलीज होगी। फिल्म की डेट रिलीज होने के बाद कन्हैया लाल के बेटे यश साहू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। यश साहू ने कहा है कि अब पूरा देश इस असलियत को जान सकेगा।
उन्होंने कहा कि 8 अगस्त को पूरा देश देखेगा कि मेरे पिता के साथ क्या हुआ था। इस फिल्म में हमारे परिवार का दर्द दिखाया गया है कि मेरे पिता को किस तरह से मारा गया था। पूरे देश को यह कहानी देखनी चाहिए। हम जिस लड़ाई को लड़ रहे थे, वो हम जीत गए हैं।”
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इंसाफ कब मिलेगा पता नहीं
कन्हैया के बेटे यश साहु ने इंसाफ को लेकर कहा कि मेरे पिता का मामला आज भी वैसा ही है, जैसा तीन साल पहले था। उनके हत्यारों को अभी तक सजा नहीं मिली है। हमें नहीं पता कि हमें इंसाफ मिलने में कितना समय लगेगा।फिल्म उदयपुर फाइल्स को लेकर उठ रहे विवादों और कानूनी अड़चनों पर अब विराम लग गया है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने फिल्म के सर्टिफिकेशन को चुनौती देने वाली सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने अपने अंतिम आदेश में कहा कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने फिल्म को प्रमाणित करते समय सभी प्रक्रियाओं का पालन किया था और कोई गलती नहीं की थी।
रिलीज से पहले 55 कट्स
मंत्रालय ने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा 6(2) का हवाला देते हुए कहा कि फिल्म के वर्गीकरण को बदलने या उस पर रोक लगाने का कोई ठोस कानूनी आधार नहीं है। मंत्रालय ने ये भी कहा है कि फिल्म निर्माताओं ने CBFC के जरिए सुझाए गए 55 कट पूरे किए थे और कुछ अतिरिक्त बदलाव भी किए थे।
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