नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई के पांच धोखेबाजों को गिरफ्तार करते हुए महाराष्ट्र के नासिक में स्थित एक रिसॉर्ट में अमेज़न कंपनी के कथित फर्जी तरीके से संचालित तकनीकी सहायता केंद्र की आड़ में साइबर अपराधियों के एक गुप्त गिरोह का भंडाफोड़ किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
ये धोखेबाज कथित तौर पर अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों को निशाना बना रहे थे।
यह अवैध व्यापार अन्य अज्ञात बैंक अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के साथ साजिश रच रहा था और इस अवैध काम में मुंबई के छह धोखेबाजों का एक समूह शामिल था जिनका नाम प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज है।
अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने नासिक के इगतपुरी स्थित रेन फॉरेस्ट रिजॉर्ट से अमेजन की ‘सपोर्ट सर्विसेज कॉल सेंटर’ के रूप में खुद को पेश करते हुए अवैध कॉल सेंटर से फोन करके कथित तौर पर वित्तीय धोखाधड़ी की।
उन्होंने बताया कि साइबर आपराधियों के इस गिरोह ने धोखाधड़ी में फंसा कर अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को ठगा। इसमें 60 ऑपरेटर शामिल थे, जिन्हें अवैध कॉल सेंटर के संचालन के लिए कॉलर, वेरिफायर और क्लोजर के रूप में भर्ती किया गया था। ये लोग अवैध कॉल सेंटर के संचालन, अपराध की कमाई को गिफ्ट कार्ड्स और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से अपराध की आय प्राप्त करने का काम कर रहे थे।
तलाशी के दौरान सीबीआई को पता लगा कि कॉल सेंटर में 62 कर्मचारी काम कर रहे थे और विदेशी नागरिकों को ठगने में शामिल थे।
एजेंसी ने प्राथमिकी में नामजद पांच आरोपियों – विशाल यादव, शहबाज, दुर्गेश, अभय उर्फ राजा और समीर उर्फ कालिया उर्फ सोहेल को गिरफ्तार कर लिया है।
सीबीआई को कथित तौर पर अभियान के दौरान जब्त किए गए 44 लैपटॉप और 71 मोबाइल फोन में डिजिटल और भौतिक साक्ष्य भी मिले।
तलाशी के दौरान 1.20 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 500 ग्राम सोना और एक-एक करोड़ रुपये मूल्य की सात लग्जरी कारें, क्रिप्टोकरेंसी में लगभग पांच हजार अमेरिकी डॉलर के लेनदेन और दो हजार कनाडाई डॉलर (1.26 लाख रुपये) मूल्य के उपहार वाउचर भी बरामद किए गए।
भाषा यासिर नरेश
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