रांची, 10 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जन्मदिन की बधाई दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सोरेन को जन्मदिन की बधाई दी।
सोरेन फिलहाल अपने पिता एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन के बाद होने वाले अनुष्ठानों में शामिल होने के लिए पड़ोसी जिले रामगढ़ में स्थित अपने पैतृक गांव नेमरा में हैं।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को उनके जन्मदिन पर बधाई। उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘‘झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आप स्वस्थ और दीर्घायु रहें। इस कठिन समय में मैं पूरे स्नेह के साथ आपके साथ हूं। गुरु जी की विचारधारा हम मिलकर मजबूती के साथ आगे बढ़ाएंगे।’’
सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी, सिंह, गडकरी और गांधी को धन्यवाद दिया।
सोरेन ने अपने पिता के लिए एक नोट भी लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें इस दिन अपने पिता की बहुत याद आ रही है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज बाबा बहुत याद आ रहे हैं। मुझे जीवन देने वाले मेरे जीवनदाता, मेरी जीवन की जड़ें जिनसे जुड़ी हैं, वही मेरे साथ नहीं हैं। बहुत कष्टकारी क्षण है यह।’’
सोरेन ने कहा, ‘‘जिनकी मजबूत उंगलियों ने बचपन में मेरे कदमों को थामा, जिनके संघर्ष और लोगों के प्रति जिनके निश्चल प्रेम ने मुझे संवेदनशीलता के साथ जीना सिखाया, हर कठिनाई को सहजता से अवसर में बदलना सिखाया और जब भी राह में अंधेरा हुआ, दीपक बनकर मुझे आगे बढ़ने का रस्ता दिखाया, वह बाबा दिशोम गुरुजी प्रकृति का अंश बनकर सर्वत्र हो गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि भले ही आज उनके पिता उनके साथ नहीं है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि ‘‘वह सूरज की हर रोशनी में हैं, हर पेड़ की छाया में हैं, हर बहती हवा में हैं, हर नदी की धार में हैं, हर उस अग्नि की लौ में हैं, जिसमें उन्होंने मुझे सत्य, संघर्ष, कभी न झुककर निडर होकर जन-जन की सेवा करने की शिक्षा दी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मेरे बाबा के आदर्श, विचार और शिक्षा की सीख मेरे लिए सिर्फ पुत्र धर्म नहीं, सामाजिक दायित्व भी है। उन्होंने मुझे अपने लोगों से जुड़ना सिखाया, मुझे बताया कि नेतृत्व का अर्थ शासन नहीं, सेवा होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज जब मैं अपने राज्य की जिम्मेदारी उठाता हूं, तो उनकी बातें, उनकी आंखों का विश्वास, उनकी मेहनत और संघर्ष से सना हुआ चेहरा, लोगों की पीड़ा खत्म करने वाला दृढ़विश्वासी मन, शोषितों-वंचितों और आदिवासी अस्मिता को मुख्यधारा में लाने का संकल्प, मुझे हर निर्णय में मार्गदर्शन देता है।’’
शिबू सोरेन का किडनी संबंधी समस्याओं के कारण एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा था। लेकिन शिबू सोरेन का चार अगस्त को निधन हो गया था। वह 81 वर्ष के थे।
झारखंड में पांच अगस्त को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
भाषा प्रीति दिलीप
दिलीप