देहरादून, 11 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अधिकारियों को प्राकृतिक आपदा की द्रष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों को तत्काल चिन्हित करने का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसी जगहों पर किसी भी प्रकार की नई बसावट या नए निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने यहां आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, हिमस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों को तत्काल चिन्हित किया जाए, ताकि संभावित खतरे से पहले ही सतर्कता बरती जा सके।
उन्होंने कहा, “इन चिन्हित संवेदनशील स्थलों पर किसी भी प्रकार की नई बसावट या नए निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
धामी ने कहा कि प्रदेश के प्राकृतिक जल स्रोतों, नदियों और नालों के किनारों पर किसी भी प्रकार का सरकारी या निजी निर्माण कार्य प्रतिबंधित रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं और इनके क्रियान्वयन की नियमित निगरानी की जाए।
धामी ने आपदा से बचाव के लिए रोकथाम के उपायों को प्राथमिकता देने और संवेदनशील क्षेत्रों में जनहित को ध्यान में रखते हुए ठोस एवं प्रभावी कदम उठाने का निर्देश देते हुए चेतावनी दी कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पिछले सप्ताह उत्तरकाशी जिले के धराली में खीरगंगा नदी में आयी भीषण बाढ़ ने नदी किनारे स्थित कई होटल, ‘होमस्टे’ और रेस्तरां को जमींदोज कर दिया था।
विशेषज्ञों ने आपदा के बाद नदी किनारे, बाढ़ के मैदानों या डूब क्षेत्रों में बसावटों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि मलबे से भरी बाढ़ ने अपने मूल मार्ग पर आने वाली सभी इमारतों को ध्वस्त कर दिया।
विशेषज्ञों ने नदियों के डूबक्षेत्र में बसावट के अध्ययन की जरूरत पर जोर दिया। भाषा दीप्ति जितेंद्र
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