नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) केरल सरकार ने सोमवार को केंद्र से 7,900 करोड़ रुपये अतिरिक्त उधारी जुटाने की अनुमति देने के साथ विभिन्न समायोजनों के तहत लगभग 4,300 करोड़ रुपये की कटौती को बहाल करने का भी अनुरोध किया।
केरल ने कहा कि इन कटौतियों से उसकी वित्तीय स्थिति और ओणम पर्व को देखते हुए भारी नकदी बहिर्प्रवाह की स्थिति में जरूरी खर्चों को पूरा करने की उसकी क्षमता पर गंभीर असर पड़ा है।
केरल का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) एवं ऋण का अनुपात वित्त वर्ष 2020-21 के 38.47 प्रतिशत से घटकर 2024-25 में 34.13 प्रतिशत पर आ गया है।
केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपे ज्ञापन में राज्य की तात्कालिक जरूरतों के साथ राजकोषीय चुनौतियों का भी जिक्र किया।
उन्होंने सीतारमण से 7,877.57 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की अनुमति देने और 4,288.16 करोड़ रुपये की कटौती को बहाल करने की मांग की।
बालगोपाल ने कहा कि केरल राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण लागत का 25 प्रतिशत हिस्सा वहन करने वाला एकमात्र राज्य है और यह राशि राज्य सरकार ने उधार लेकर जुटाई थी जिसे वार्षिक उधारी सीमा से घटा दिया गया।
ज्ञापन में चालू वित्त वर्ष में 6,000 करोड़ रुपये की बिना शर्त अतिरिक्त उधारी, जीएसडीपी में बदलाव के मद में 1,877.57 करोड़ रुपये खुले बाजार से जुटाने की अनुमति और गारंटी भुगतान कोष में अंशदान न करने से कटे 3,323 करोड़ रुपये की बहाली का अनुरोध किया गया है।
इसके अलावा, 31 मार्च 2025 को एकीकृत जीएसटी खाते में कमी की भरपाई के लिए अप्रैल 2025 में काटे गए 965.16 करोड़ रुपये बहाल करने की मांग भी की गई है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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