(फिलेम दीपक सिंह)
नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष देवेंद्र झझारिया ने सोमवार को कहा कि विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की तैयारियां तय कार्यक्रम के अनुसार चल रही हैं और प्रतियोगिता स्थल और प्रशिक्षण क्षेत्र में मोंडो ट्रैक बिछाने का काम एक सितंबर तक पूरा हो जाएगा।
भारत 27 सितंबर से पांच अक्टूबर तक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी कर रहा है और चैंपियनशिप को ध्यान में रखते हुए मुख्य स्टेडियम और आस-पास के प्रशिक्षण स्थल पर ट्रैक फिर से बिछाए गए हैं।
झझारिया ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमने मुख्य स्टेडियम और प्रशिक्षण क्षेत्र के अंदर मोंडो ट्रैक बिछाने का 95 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। बेस बिछाने में काफी समय लगता है लेकिन बेस को मोंडो से ढकने में ज्यादा समय नहीं लगता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बेस का काम पूरा हो गया है, ऊपर मोंडो बिछाने का काम शुरू हो गया है। एक सितंबर तक सब कुछ पूरा हो जाएगा।’’
यह पूछे जाने पर कि ट्रैक को शीर्ष स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए उपयुक्त घोषित करने के लिए विश्व एथलेटिक्स से प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कितना समय लगेगा तो झझारिया ने कहा, ‘‘ट्रैक बिछाने का काम पूरा होते ही विश्व एथलेटिक्स के विशेषज्ञ आ जाएंगे। इसमें (प्रमाण पत्र प्राप्त करने में) अधिक समय नहीं लगना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक सितंबर से 27 सितंबर के बीच काफी समय है।’’
पैरालंपिक में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीतने वाले झझारिया स्वयं जाने-माने पैरा भाला फेंक खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने सर्वोच्च स्तर की सुविधाओं वाले पैरा खेलों के आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
झझारिया ने कहा, ‘‘हमने डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) से अनुबंध किया है। वे हमें लगभग 100 पैरा खिलाड़ियों के अनुकूल बसें देंगे। ये बसें पैरा खिलाड़ियों के अनुकूल होंगी जिसमें व्हीलचेयर वाला व्यक्ति अंदर जा सकेगा।’’
झझारिया ने दावा किया कि नयी दिल्ली में होने वाली विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सबसे अधिक देश हिस्सा लेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘107 देशों ने हमें पुष्टि दे दी है। भाग लेने वाले देशों की संख्या के लिहाज से यह विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप अब तक की सबसे बड़ी प्रतियोगिता होगी। पैरा एथलेटिक्स के सभी शीर्ष देश जैसे चीन, ब्राजील, ग्रेट ब्रिटेन इसमें हिस्सा ले रहे हैं।’’
झझारिया ने कहा, ‘‘खिलाड़ियों की कुल संख्या के लिहाज से भी मुझे लगता है कि यह सबसे बड़ी प्रतियोगिता होगी लेकिन मैं अभी पुष्टि नहीं कर सकता क्योंकि मंगलवार (12 अगस्त) हमें प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तिथि है।’’
जापान के कोबे में 2024 में हुए पिछले खेलों में 103 देशों के 1073 पैरा एथलीटों ने भाग लिया था।
झझारिया ने कहा कि मेजबान होने के नाते भारत अपना अब तक का सबसे बड़ा दल उतारेगा। भारत ने कोबे में लगभग 40 पैरा एथलीट भेजे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हां, बिल्कुल हम अपना अब तक का सबसे बड़ा दल उतारेंगे। अंतिम ट्रायल हो चुका है और चयन बहुत जल्द हो जाएगा। हमारे एथलीटों की संख्या लगभग 100 होनी चाहिए।’’
झझारिया ने कहा कि पीसीआई ने 27 सितंबर को उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और उनके जवाब का इंतजार है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि माननीय प्रधानमंत्री चैंपियनशिप का उद्घाटन करेंगे। हमने उन्हें एक अनुरोध पत्र भेजा है और हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं।’’
झझारिया ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी पैरा खेलों और पैरा एथलीटों के बड़े समर्थक रहे हैं। पैरालंपिक, पैरा एशियाई खेल और विश्व चैंपियनशिप जैसी प्रमुख प्रतियोगिताओं से पहले, उनके दौरान और बाद में उनका समर्थन और प्रोत्साहन पैरा एथलीटों के लिए शक्ति और प्रेरणा का स्रोत रहा है।’’
पीसीआई अध्यक्ष को जापान में पिछले सत्र की तुलना में भारतीय टीम से अधिक पदकों की उम्मीद है जहां देश ने 17 पदक (छह स्वर्ण, पांच रजत, छह कांस्य) जीते थे।
भाषा सुधीर आनन्द
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