नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) सरकार विश्व हाथी दिवस के अवसर पर तमिलनाडु के कोयंबटूर में मंगलवार को एक विशेष कार्यशाला का आयोजन करेगी, जिसका उद्देश्य मानव-हाथी संघर्ष जैसे संवेदनशील विषय पर गंभीर चर्चा और समाधान ढूंढना है।
इस कार्यशाला में हाथी के पर्यावास वाले विभिन्न राज्यों को एक साझा मंच प्रदान किया जाएगा, जहां वे अपनी चुनौतियों को साझा करेंगे और संघर्ष को कम करने के प्रभावी उपायों पर विचार-विमर्श करेंगे।
कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और तमिलनाडु वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। इसका उद्घाटन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा किया जाएगा और इसमें पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह भी मौजूद होंगे।
‘‘भारत में हाथी गलियारों’’ पर 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विश्व के लगभग 60 प्रतिशत जंगली हाथी रहते हैं तथा यहां 33 हाथी अभयारण्य और 150 चिह्नित हाथी गलियारे हैं।
वर्ष 2017 में अंतिम संख्या आकलन प्रक्रिया में हाथियों की संख्या 29,964 बतायी गई थी, जबकि 2022 के आंकड़े अभी घोषित होने बाकी हैं।
राज्यसभा में प्रस्तुत सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 से 2023 के बीच भारत में हाथियों के हमलों में 2,869 लोग मारे गए।
ओडिशा में सबसे अधिक 624 मौतें हुईं, इसके बाद झारखंड (474), पश्चिम बंगाल (436), असम (383) और छत्तीसगढ़ (303) का स्थान रहा।
पर्यावरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विशेषज्ञ, नीति निर्माता, संरक्षणवादी और वन अधिकारी सर्वोत्तम पद्धति पर विचार-विमर्श करेंगे, जिसमें आवास प्रबंधन और गलियारे के रखरखाव से लेकर अधिक मानव-हाथी संघर्ष वाले क्षेत्रों में जागरूकता पैदा करना और क्षमता निर्माण शामिल हैं।
हाथी संरक्षण पर एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा, जिसमें लगभग 5,000 स्कूलों के 12 लाख बच्चे शामिल होंगे।
भाषा शुभम सुरेश
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