नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों ने लोगों से पतंग उड़ाने के लिए धातु की परत चढ़े मांझे का इस्तेमाल न करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे जीवन को ‘गंभीर खतरा’ हो सकता है और बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी के लोग हर साल स्वतंत्रता दिवस के दौरान पतंग उड़ाते हैं।
बीएसईएस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘धातु की परत चढ़ा हुआ मांझा बिजली का एक घातक संवाहक है। इसके इस्तेमाल से शहर में कई दुर्घटनाएं हुईं हैं और बड़े पैमाने पर बिजली कटौती हुई है।’’
प्रवक्ता ने कहा कि धातु की परत चढ़ा मांझा न केवल जीवन के लिए ‘गंभीर खतरा’ हैं, बल्कि ट्रिपिंग के माध्यम से बिजली आपूर्ति में भी बाधा डालता है, जिससे हजारों लोग प्रभावित होते हैं।
बीएसईएस प्रवक्ता ने कहा कि धातु की परत चढ़े हुए पतंग की डोर से स्वतंत्रता दिवस जैसे पतंगबाजी के दौरान जीवन को खतरा होता है, बिजली आपूर्ति बाधित होती है तथा सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा होता है।
टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) ने भी अपने ग्राहकों से अपील की है कि वे विद्युत नेटवर्क के प्रति सचेत रहें तथा धातु की परत चढ़े हुए मांझे के स्थान पर सूती धागे या किसी अन्य प्राकृतिक रेशे का इस्तेमाल करें।
टीपीडीडीएल के परिचालन एवं सुरक्षा प्रमुख राज कुमार रस्तोगी ने कहा, ‘‘हम सभी से आग्रह करते हैं कि पतंगों को बिजली के तारों और प्रतिष्ठानों से दूर उड़ाएं, क्योंकि इससे बिजली गुल हो सकती है और गंभीर दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं।”
भाषा प्रीति सुरेश
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