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Wednesday, August 13, 2025

बारिश से बचाव अभियान में बाधा, डबरानी में पोकलैंड मशीन चालक समेत भागीरथी नदी में गिरी

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उत्तरकाशी, 11 अगस्त (भाषा) उत्तरकाशी के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को हुई लगातार बारिश के कारण आपदाग्रस्त धराली में तलाशी अभियान में रुकावटें आयीं जबकि प्रभावित क्षेत्र तक सड़क संपर्क बहाल करने में जुटी एक पोकलैंड मशीन के उफनती भागीरथी नदी में गिर जाने से उसका चालक लापता हो गया।

उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर डबरानी और सोनगाड़ के बीच क्षतिग्रस्त सड़क को दुरुस्त करने में जुटी पोकलैंड मशीन चालक सहित भागीरथी में गिर गई। उन्होंने बताया कि देहरादून के रहने वाले 31 वर्षीय चालक मनवीर सिंह नेगी की तलाश की जा रही है।

अधिकारियों ने यहां बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवाएं संचालित नहीं की जा सकी और मलबे में दबे लोगों की तलाश का काम भी प्रभावित हुआ।

पांच अगस्त को खीरगंगा नदी में आयी भीषण बाढ़ से धराली गांव में जमा हुए मलबे में लापता लोगों के जीवित होने की संभावना कम होती जा रही है क्योंकि आपदा के बाद लगभग एक सप्ताह का समय गुजर चुका है।

गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने कहा कि गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार को लिमचागाड़ में 30 मीटर लंबा बेली पुल बन जाने के बाद डबरानी और सोनगाड़ के बीच क्षतिग्रस्त सड़क को दुरुस्त करने का शुरू किया गया कार्य भी खराब मौसम के कारण प्रभावित हुआ।

उन्होंने बताया कि धराली जा रही भूवैज्ञानिकों की 10 सदस्यीय टीम भी गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के खुलने का इंतजार कर रही है। हांलांकि, अधिकारी ने उम्मीद जतायी कि मंगलवार शाम तक आपदाग्रस्त क्षेत्र में सड़क संपर्क बहाल हो जाएगा।

पाण्डेय ने बताया कि हर्षिल में भागीरथी नदी पर बनी अस्थायी झील से पानी निकासी के लिए सिंचाई विभाग और यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। बाढ़ के साथ बहकर आए पेड़ों के कारण नदी में झील बन गयी है।

उन्होंने बताया कि आपदा में 43 लोगों के लापता होने की सूचना है, जिनमें से धराली गांव के एक युवक आकाश पंवार का शव बरामद किया जा चुका है।

अधिकारी ने बताया कि शेष बचे लापता 42 लोगों में सेना के नौ कार्मिकों के अलावा धराली गांव के आठ, आसपास के क्षेत्रों के पांच, टिहरी जिले का एक, बिहार के 13 और उत्तर प्रदेश के छह व्यक्ति शामिल हैं।

पाण्डेय ने बताया कि इनके अतिरिक्त 29 नेपाली मजदूरों के लापता होने की भी सूचना मिली थी, हालांकि मोबाइल फोन नेटवर्क बहाल होने के बाद इनमें से पांच लोगों के साथ संपर्क हो चुका है। उन्होंने बताया कि शेष 24 मजदूरों के संबंध में उनके ठेकेदारों से अधिक विवरण नहीं मिल पाया है।

अधिकारी ने बताया कि संबंधित ठेकेदारों से मजदूरों के बारे में जानकारी इकटठा करने को कहा गया है। पाण्डेय ने बताया कि माना जा रहा है कि इन पांच मजदूरों की तरह शेष अन्य मजदूर भी लौट गये हों।

उन्होंने इस संबंध में याद दिलाया कि केदारनाथ आपदा के दौरान भी लापता बताए गए कई लोग प्रभावित क्षेत्र से वापस अपने घर पहुंच गए थे।

जिला प्रशासन ने पहले कहा था कि आपदा में चार लोगों की मौत हुई है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा था कि आपदा में 49 लोग लापता हुए हैं जबकि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने मलबे से पंवार सहित दो के शव बरामद होने की पुष्टि की थी।

मंडलायुक्त ने बताया कि धराली गांव के आपदा प्रभावितों को तत्कालिक तौर पर पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि का वितरण शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार प्रभावितों के लिए राहत एवं पुनर्वास का बेहतर पैकेज तैयार कराया जा रहा है, जिसके लिए राजस्व सचिव की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है।

पाण्डेय ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में फंसे 1278 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है, जिनमें बाहरी राज्यों से आए एवं जरूरतमंद स्थानीय लोग शामिल है।

उन्होंने बताया कि मलबे के अंदर दबे लोगों की खोज करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम जुटी हुई हैं।

पाण्डेय ने बताया कि राहत, बचाव एवं तलाशी अभियान को तत्परता से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी लगातार प्रभावित क्षेत्र में ही जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित लोगों को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न, कपड़े व दैनिक उपयोग की सामग्री उपलब्ध कराई जा चुकी है।

मौसम विभाग ने प्रदेश में देहरादून सहित कई जगह पर सुबह के समय भारी से बहुत भारी बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया था, जिसके मददेनजर देहरादून तथा कुछ अन्य क्षेत्रों में पहली से 12वीं कक्षा तक के विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया गया।

रविवार रात से लगातार भारी बारिश के कारण दिन में देहरादून में रिस्पना और बिंदाल आदि नदियां उफान पर आ गयीं और कई हिस्सों जैसे सहस्रधारा रोड एवं आईटी पार्क में जलभराव हो गया।

मौसम विभाग ने प्रदेश में 13 से 15 अगस्त के दौरान भी भारी बारिश की आशंका जताई है।

इससे पहले दिन में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के एक अधिकारी ने धराली में कहा था कि बल के कार्मिक उस जगह पर हाथ से मलबे की खुदाई कर रहे हैं जहां आपदा आने से पहले एक होटल हुआ करता था।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां एक होटल था। जब आपदा आई, उस समय उसके सामने कुछ लोग घूम रहे थे। यहां रडार उपकरण की मदद से हाथ से खुदाई की जा रही है क्योंकि हो सकता है कि यहां लोग दबे हों।’’

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने हर्षिल पहुंचकर वहां बनी झील का मौके पर निरीक्षण किया तथा कहा कि झील से पानी की निकासी निर्बाध रूप से हो रही है। हांलांकि, उन्होंने कहा कि बाढ़ के साथ बहकर आए पेड़ से झील का पानी अवरूद्ध होने की संभावना है, इसलिए अधिकारियों को पेड़ को तुरंत हटाने को कहा गया है।

भाषा दीप्ति अमित

अमित

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