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Thursday, August 14, 2025

मप्र : डिंडोरी में जापानी इंसेफेलाइटिस से छह साल के बच्चे की मौत

Newsमप्र : डिंडोरी में जापानी इंसेफेलाइटिस से छह साल के बच्चे की मौत

डिंडोरी, 12 अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस से छह वर्षीय एक बच्चे की मौत हो गई है। अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की।

अधिकारियों ने बताया कि जिले के अमरपुर ब्लॉक के बहेरा गांव के रहने वाले संतोष गौतम के छह वर्षीय बेटे अजय की मौत छह अगस्त को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में हुई।

डिंडोरी जिले की प्रभारी मलेरिया अधिकारी जयश्री मरावी ने कहा, ‘आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की रिपोर्ट में बच्चे की मौत जापानी इंसेफेलाइटिस से होना पाई गई है।’

उन्होंने बताया कि अमरपुर के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) एस एस मरकाम के साथ मलेरिया विभाग की टीम ने गांव का दौरा कर परिजनों से मुलाकात की है और उनसे सारी जानकारी एकत्र की गई है।

मरावी ने कहा कि टीम ने आसपास की गंदगी व हालात का जायजा लेने के बाद पूरे गांव में दवा छिड़काव का फैसला किया है।

परिजनों ने बताया कि पिछले महीने अजय अपनी बहन के साथ खेल रहा था और इसी दौरान वह गिर गया।

उन्होंने कहा कि गिरने के बाद अजय का बायां पैर फूल गया था और उसे तेज बुखार भी आया था, इसके बाद डिंडोरी में एक निजी अस्पताल में उसका इलाज कराया गया।

परिजनों ने बताया कि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वे अजय को जिला अस्पताल लेकर गए, जहां के चिकित्सकों ने अजय को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

अजय के पिता संतोष ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जबलपुर स्थित आईसीएमआर की प्रयोगशाला में हुई जांच की रिपोर्ट में उनके बेटे के जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस से पीड़ित होने की बात सामने आई है।

उन्होंने कहा कि अजय की बड़ी बहन मधु गौतम को भी बुखार आ रहा है और उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मलेरिया टीम के अधिकारियों ने बताया कि मधु का बुखार सामान्य बुखार लग रहा है क्योंकि उसमें जापानी इंसेफेलाइटिस के कोई लक्षण नहीं हैं।

जापानी इंसेफेलाइटिस एक गंभीर वायरल जूनोटिक बीमारी है। यह वायरस मच्छरों के जरिए इंसानों में प्रवेश करता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को थकान, सिर दर्द, बुखार और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

चिकित्सकों के मुताबिक इस बीमारी का समय रहते इलाज नहीं किया गया तो मस्तिष्क में सूजन होना, मरीज का कोमा में चले जाना और लकवा लगने तक की शिकायत हो सकती है।

भाषा

सं, ब्रजेन्द्र, रवि कांत रवि कांत

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