मुंबई, 12 अगस्त (भाषा) उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाला अंबानी परिवार 28 लाख करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ देश का सबसे समृद्ध कारोबारी घराना है जबकि अदाणी परिवार 14.01 लाख करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर है। मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
शोध एवं रैंकिंग फर्म हुरुन ने कारोबारी घरानों की संपत्ति में पिछले एक साल में आए बदलाव पर यह रिपोर्ट बार्कलेज के साथ मिलकर तैयार की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 300 सबसे मूल्यवान परिवारों की कुल संपत्ति 140 लाख करोड़ रुपये (1.6 लाख करोड़ डॉलर) से अधिक है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 40 प्रतिशत है।
अकेले अंबानी परिवार की ही संपत्ति देश की जीडीपी के 12 प्रतिशत के बराबर है।
पिछले एक साल में अंबानी परिवार की संपत्ति में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ अंबानी परिवार ने देश में सबसे अधिक संपत्ति वाले परिवार के तौर पर अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है।
वहीं, गौतम अदाणी की अगुवाई वाले अदाणी परिवार को ‘पहली पीढ़ी के उद्यमी’ के तौर पर शुरू सबसे मूल्यवान पारिवारिक कारोबार का मालिक बताया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक साल में कुमार मंगलम बिड़ला परिवार की संपत्ति 20 प्रतिशत बढ़कर 6.47 लाख करोड़ रुपये हो गई। इसी के साथ यह परिवार कई पीढ़ियों वाले कारोबारी घराने की सूची में दूसरे पायदान पर पहुंच गया।
जिंदल परिवार भी 21 प्रतिशत उछाल के साथ 5.70 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ एक स्थान ऊपर चला गया। वहीं, बजाज परिवार संपत्ति में 21 प्रतिशत गिरावट के चलते चौथे स्थान पर खिसक गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शीर्ष 300 कारोबारी परिवारों ने पिछले साल रोजाना औसतन 7,100 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई। इस दौरान एक अरब डॉलर से अधिक संपत्ति वाले परिवारों की संख्या 37 बढ़कर 161 हो गई है।
दिलचस्त बात यह है कि इस सूची में शामिल एक चौथाई से अधिक कारोबार शेयर बाजारों में सूचीबद्ध नहीं हैं।
सूची में शामिल 89 प्रतिशत कारोबार भौतिक उत्पादों की बिक्री करते हैं जबकि 11 प्रतिशत सेवाएं प्रदान करते हैं।
सर्वाधिक संपत्ति वाले कारोबारी घरानों में मुंबई से 91, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से 62 और कोलकाता से 25 परिवार इस सूची में शामिल हैं। वहीं, 62 परिवार अब पेशेवर मुख्य कार्यपालक नियुक्त कर कारोबार चला रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, अगले पांच वर्षों में करीब 130 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति इन परिवारों की अगली पीढ़ी को हस्तांतरित होने का अनुमान है।
शीर्ष परिवारों ने पिछले साल विभिन्न कारणों से 5,100 करोड़ रुपये की राशि दान में दी।
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में शुल्क वृद्धि के चलते 120 से अधिक कारोबारी घरानों के अरबों डॉलर के निर्यात पर अगले 12 महीने में असर पड़ सकता है।
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