लखनऊ, 12 अगस्त (भाषा) केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूरी प्राप्त लखनऊ मेट्रो का उत्तर—पूर्वी कोरिडोर राजधानी के प्रमुख पर्यटन स्थलों, वाणिज्यिक केंद्रों और अवधी जायकों के मरकजों और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी जैसे स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण केंद्रों को भी जोड़ेगा।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल निगम द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने लखनऊ मेट्रो के 11.2 किमी लंबे ईस्ट वेस्ट कोरिडोर को मंगलवार को मंज़ूरी दे दी। कोरिडोर को पांच वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके निर्माण के लिये टेंडर की प्रक्रिया जल्द शुरु होगी।
बयान के अनुसार इस चरण में कुल 12 स्टेशन बनाये जाएंगे। इनमें चारबाग (भूमिगत), गौतम बुद्ध नगर (भूमिगत), अमीनाबाद (भूमिगत), पांडेयगंज (भूमिगत), सिटी रेलवे स्टेशन (भूमिगत), मेडिकल चौराहा (भूमिगत), चौक (भूमिगत), ठाकुरगंज, एलिवेटेड), बालागंज (एलिवेटेड), सरफराजगंज (एलिवेटेड), मूसाबाग (एलिवेटेड) और वसंत कुंज (एलिवेटेड) शामिल हैं।
इन स्टेशनों के जरिये अमीनाबाद, याहियागंज और पांडेयगंज जैसे प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्रों, बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और रूमी दरवाजे जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों और अपने लखनवी जायकों के लिये मशहूर चौक तथा अमीनाबाद जैसे इलाकों तक पहुंचना बहुत आसान हो जाएगी।
‘चारबाग से वसंत कुंज’ तक लखनऊ मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पुराने लखनऊ के बेहद घने बसे प्रमुख स्थानों जैसे अमीनाबाद, चौक, ठाकुरगंज आदि को कनेक्टिविटी मिलेगी। कोरिडोर से सिटी रेलवे स्टेशन एवं चौक स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय जुड़ेगा, जहां लाखों की संख्या में लोग आते हैं। साथ ही यह कोरिडोर विस्तृत हो रहे लखनऊ शहर को वसंतकुंज तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा जहां एक बड़ी आबादी रहती है।
लखनऊ के लिए बहुप्रतीक्षित इस कोरिडोर के बनने से मौजूदा 23 किलोमीटर लंबे उत्तर दक्षिण मेट्रो कोरिडोर के स्थानों को पूरी कनेक्टिविटी मिल जाएगी और लखनऊ शहर में मेट्रो का विस्तार 35 किलोमीटर का हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल निगम के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि यह कोरिडोर लखनऊ मेट्रो के मौजूदा उत्तर—दक्षिणी कोरिडोर के चारबाग मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा। चारबाग मेट्रो स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन के तौर पर काम करेगा, जहां से यात्री एक दूसरे कोरिडोर में जाने के लिए मेट्रो बदल सकेंगे।
उन्होंने कहा कि लखनऊ में मेट्रो रेल सेवा के विस्तार से यात्रियों को ईज ऑफ ट्रैवलिंग के अंतर्गत सुगम, सुरक्षित, सुविधाजनक और विश्वस्तरीय शहरी परिवहन सेवा घने बसे इलाकों में भी मिल सकेगी। मेट्रो के विस्तार से लखनऊ को पुराने शहर की संस्कृति, खान-पान, पर्यटन, रोजगार जैसे क्षेत्रों में सुगमता का फायदा मिलेगा।
कुमार ने कहा कि लखनऊ मेट्रो को जिस तरह निर्धारित समय से पहले बनाकर तैयार किया गया था, पूरी कोशिश होगी कि ईस्ट वेस्ट कोरिडोर को भी समय से पूर्व लखनऊ की जनता को सौंपा जाए।
उन्होंने कहा कि चारबाग से वसंतकुंज के बीच ईस्ट वेस्ट परियोजना को पूरा होने में पांच वर्षों का समय लगने का अनुमान है। निगम ने इस कोरिडोर से जुड़े रिसर्च डेटा को पहले ही तैयार कर लिया है।
कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अब मेट्रो निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरु होगी जिसके लिए सबसे पहले टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी।
इसके पूर्व, मार्च 2024 में ईस्ट वेस्ट कोरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को राज्य सरकार ने अनुमोदित किया था। जुलाई 2024 में परियोजना को नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) से और मई 2025 में परियोजना की डीपीआर को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड की मंजूरी मिली थी।
भाषा सलीम नरेश
नरेश