शिमला, 12 अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश सरकार ने कृषि एवं बागवानी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के दो पदों को भरने के लिए राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी किए गए विज्ञापन वापस ले लिए हैं।
सरकार ने विज्ञापन वापस लिए जाने के संबंध में तर्क देते हुए कहा कि सक्षम प्राधिकारी ने यह विज्ञपान जारी नहीं किया है तथा राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान संशोधन विधेयक का मसौदा पेश किया जाएगा।
सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि पालमपुर स्थित चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय और नौणी (सोलन) स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपतियों के चयन की प्रक्रिया राज्यपाल सचिवालय द्वारा शुरू की गई। इसके तहत चयन समिति के गठन की अधिसूचना क्रमशः 15 मई और 21 जून को जारी की गई, जिसके बाद राज्यपाल के सचिव शिव प्रताप शुक्ल ने 21 जुलाई को विज्ञापन जारी किया।
विज्ञापन को वापस लेने संबंधी अधिसूचना में कहा गया, ‘‘वर्ष 2023 के विधेयक नंबर 14 पर चर्चा के दौरान विज्ञापन जारी करने का मुद्दा सामने आया। यह तय किया गया कि राज्यपाल सचिवालय से अनुरोध किया जाए कि विज्ञापन वापस ले लिया जाए क्योंकि चयन समिति के गठन की अधिसूचनाएं हिमाचल प्रदेश कृषि, बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 1986 के धारा 24 के प्रावधानों के अनुसार नहीं हैं, और विज्ञापन सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किया गया था।”
राज्य के कृषि मंत्री द्वारा 26 जुलाई को राज्यपाल सचिवालय को लिखे पत्र में कहा गया कि संशोधन विधेयक, 2023 को मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में दोबारा विचार के लिए लाया जाना है। ऐसे में कुलपति चयन प्रक्रिया को जारी रखना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि संविधान की भावना के भी खिलाफ है।
भाषा
प्रीति संतोष
संतोष