नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ‘दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड’ (डीएचएफएल) के पूर्व अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) कपिल वधावन, पूर्व निदेशक धीरज वधावन और चार अन्य को वित्तीय अनियमितताएं करने, धन का दुरुपयोग करने और खातों में हेराफेरी करने के आरोप में प्रतिभूति बाजार से पांच साल तक के लिए मंगलवार को प्रतिबंधित कर दिया।
सेबी ने जिन अन्य लोगों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें राकेश वधावन (गैर-कार्यकारी अध्यक्ष), सारंग वधावन (पूर्व गैर-कार्यकारी निदेशक), हर्षिल मेहता (संयुक्त प्रबंध निदेशक और सीईओ) तथा संतोष शर्मा (पूर्व सीएफओ) शामिल हैं।
सेबी ने छह व्यक्तियों पर 120 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।
सेबी के आदेश के अनुसार, कपिल वधावन और धीरज वधावन पर प्रतिभूति बाजार से पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है जबकि राकेश वधावन और सारंग वधावन पर चार साल का प्रतिबंध लगाया गया है तथा हर्षिल मेहता और संतोष शर्मा पर तीन साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
इस अवधि के दौरान, वे प्रतिभूति बाजार तक पहुंच नहीं बना सकते, किसी भी प्रकार से प्रतिभूतियों में लेन-देन नहीं कर सकते, और सूचीबद्ध कंपनियों, पंजीकृत मध्यस्थों, या बाजार से धन जुटाने का इरादा रखने वाली सार्वजनिक कंपनियों में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक जैसे किसी भी पद पर कार्य नहीं कर सकते।
कपिल वधावन और धीरज वधावन पर 27-27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि राकेश वधावन और सारंग वधावन पर 20.75-20.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। हर्षिल मेहता पर 11.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है और संतोष शर्मा को कुल 12.75 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना होगा।
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प्रीति प्रशांत
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