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Friday, August 15, 2025

‘डे-केयर’ सेंटर क्रूरता मामला: बच्ची के साथ माता-पिता बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश हुए

News‘डे-केयर’ सेंटर क्रूरता मामला: बच्ची के साथ माता-पिता बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश हुए

नोएडा (उत्तर प्रदेश), 13 अगस्त (भाषा) नोएडा के एक ‘डे-केयर’ सेंटर में 15 माह की बच्ची के साथ क्रूरता के मामले में पीड़िता को लेकर उसके माता-पिता बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश हुए और समिति ने पुलिस को प्राथमिकी में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम की धाराएं जोड़ने को कहा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष के.सी. विरमानी ने बताया कि बच्ची के परिजन मंगलवार को उसे लेकर आए और उन्होंने घटना व मेडिकल जांच के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि ‘अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन’ से भी परिसर के अंदर ‘डे-केयर’ के संचालन से संबंधित जानकारी ली गई है।

यह घटना चार अगस्त को नोएडा के सेक्टर 137 स्थित ‘ब्लिपी’ नाम के ‘डे-केयर’ सेंटर में हुई। बच्ची की मां मोनिका की शिकायत पर इस मामले में ‘डे-केयर सेंटर’ प्रमुख और एक सहायिका के खिलाफ गत सप्ताह बृहस्पतिवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

पुलिस ने सात अगस्त को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और उसके बाद नाबालिग सहायिका को हिरासत में ले लिया गया।

सहायिका को हिरासत में लिए जाते समय समय पुलिस ने बताया था कि वह नाबालिग है और उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करने के बाद सुधार गृह भेजा गया, वहीं श्रम विभाग की जांच में सहायिका के आधार कार्ड से उसके बालिग होने का पता चला है।

पुलिस ने बताया कि सहायिका पर बच्ची को प्लास्टिक के बल्ले से मारने और उसे जमीन पर फेंकने का भी आरोप है।

पुलिस ने इस संबंध में शिक्षा विभाग और बाल कल्याण अधिकारी को भी पत्र लिखा था।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकी में किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) की धाराएं भी जोड़ी गई हैं और मंगलवार को डे-केयर की संचालक चारू ने अपने बयान दर्ज कराए।

इस बीच, इस मामले की जांच कर रही श्रम विभाग की टीम ने हिरासत में ली गई ‘डे- केयर’ की सहायिका के दस्तावेजों की जांच की।

सहायक श्रमायुक्त सुयश पांडे ने बताया, ‘‘श्रम अधिकारी को भेजकर मामले की जांच कराई गई और जांच में ‘डे-केयर’ की सहायिका का जो आधार कार्ड मिला है, उसमें उसका जन्म वर्ष 2004 अंकित है। इस हिसाब से वह बालिग है। आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के मिलान के बाद ही आगे कार्रवाई की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर सहायिका बालिग निकलती है तो इसकी जानकारी पुलिस को साझा की जाएगी।’’

भाषा सं खारी वैभव

वैभव

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