लखनऊ, 13 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ” विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश” विषय पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह और राज्य के ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
ओम प्रकाश सिंह ने ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘देश की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के बाद राजनीति में आए तो हमने इनके बारे में पता किया तो पता चला कि ये पूरे कार्यकाल में एक ही साल ज़िलाधिकारी रहे।’’
सिंह ने कहा, ‘‘उसी एक साल में उस जिले के सात विधायकों ने मुख्यमंत्री से जाकर कहा कि इनको यहां से हटाइये, आप अपने यहां बुला लीजिए नहीं तो इनके रहते हमारे जिले का विकास नहीं हो सकता।’’
सिंह ने कहा कि जो जिला नहीं चला पाए, पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) आ गए और फिर वहां से यहां आ गए। उन्होंने कहा, ‘‘इनको केवल बांस और बल्ली दिखाई देता है। सूरदास आंख का आपरेशन कर रहे हैं।’’
सपा सदस्य ने कहा कि ‘‘विजन-2047 कुछ वैसे ही है, जैसे बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं, गीत था, अब है कि बोल भारत बोल, विकसित होगा कि नहीं।’’
इस टिप्पणी को सुनकर 1988 बैच के गुजरात कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस और उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए के शर्मा सदन में लौट आए। शर्मा ने तल्ख लहजे में कहा, “सपा सदस्य ने जो भी बातें सदन में कहीं हैं, वह पूरी तरह असत्य हैं। उन्हें ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए।”
शर्मा ने कहा, “मैं एक नहीं तीन-तीन जिले में डीएम (जिलाधिकारी) रहा हूं। वह भी सवा दो साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही मेरा तबादला हुआ और मुझे हटाने के लिए कभी भी किसी विधायक ने कोई शिकायत नहीं की।”
उन्होंने गुजरात में बतौर आईएएस तैनाती के दौरान कई जिलों में नियुक्ति का पूरा ब्योरा गिना डाला। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गाजीपुर में एक सद्दाम नाम का अपराधी था जो वहां समानांतर बिजली घर चलाता था। उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ कार्रवाई हुई है और उसे किसका संरक्षण गाजीपुर में मिलता है, यह सब जानते हैं।
इस पर सिंह समेत सपा के अन्य सदस्य शोर-शराबा करने लगे।
भाषा आनन्द
अमित
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