24.7 C
Jaipur
Tuesday, September 2, 2025

बंगाल के बिना भारत को आजादी नहीं मिलती : ममता

Newsबंगाल के बिना भारत को आजादी नहीं मिलती : ममता

(तस्वीरों के साथ)

कोलकाता, 14 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि बंगाल न होता तो भारत को आजादी नहीं मिलती, क्योंकि रवींद्रनाथ टैगोर और सुभाष चंद्र बोस जैसी हस्तियां यहीं पैदा हुईं, जिन्होंने देश की नियति को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

‘कन्याश्री’ योजना की 12वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक समारोह में बनर्जी ने कहा कि बंगाल आशा की किरण है जो विविधता में एकता का प्रतीक है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर बंगाल नहीं होता, तो भारत को आजादी नहीं मिलती। बंगाल की माटी ने रवींद्रनाथ टैगोर, नजरूल इस्लाम और सुभाष चंद्र बोस जैसे प्रख्यात लोगों को जन्म दिया। राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत और ‘जय हिंद’ का नारा बंगालियों की रचनाएं हैं।’’

बनर्जी का यह बयान काफी मायने रखता है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस बंगाली अस्मिता के इर्द-गिर्द केंद्रित एक अभियान चला रही है और भाजपा शासित राज्यों पर पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के भाषाई आधार पर उत्पीड़न का आरोप लगा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के ज्यादातर स्वतंत्रता सेनानी बंगाल से थे। उन्होंने कहा, ‘‘आप पाएंगे कि सेलुलर जेल (पोर्ट ब्लेयर में) के लगभग 70 प्रतिशत कैदी बंगाली थे। पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी दूसरे स्थान पर थे।’’

कार्यक्रम में उपस्थित स्कूली छात्राओं से बनर्जी ने कहा, ‘‘कल (शुक्रवार को) स्वतंत्रता दिवस है। मैं सभी से संकीर्णता और विभाजनकारी विचारों को त्यागने का आग्रह करती हूं। बंगाल विविधता के बीच सद्भाव और एकता का प्रतीक है। हम मजबूत और एकजुट हैं।’’

उन्होंने कहा कि विभाजन के बाद जो लोग देश में आए, वे सभी (भारत के) नागरिक हैं।

See also  मालेगांव विस्फोट मामले में 31 जुलाई को आ सकता है फैसला

उन्होंने कहा, ‘‘कल ही, मैंने पढ़ा कि एक पिता अपने बेटे के साथ एक खेल प्रतिस्पर्धा में गए थे, लेकिन बांग्ला में बोलने के कारण उन्हें नोएडा के एक होटल में ठहरने की अनुमति नहीं दी गई।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘अगर हम आपकी भाषाओं का सम्मान कर सकते हैं, तो आप हमारी भाषाओं का सम्मान क्यों नहीं कर सकते?’’

बनर्जी ने बंगाल को निधि से वंचित किये जाने को भी रेखांकित किया और ‘‘उच्च शिक्षा में छात्रवृत्ति पर अंकुश लगाने’’ के लिए केंद्र की आलोचना की।

उन्होंने दावा किया, ‘‘यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने शोध गतिविधियों के लिए धन देना लगभग बंद कर दिया है। राज्य सरकार अब उन शैक्षणिक गतिविधियों को प्रायोजित कर रही है।’’

बनर्जी ने कहा कि अंग्रेजी सहित कई भाषाएं सीखने की जरूरत है, लेकिन मातृभाषा को नहीं भूलना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘बांग्ला की मिठास सर्वव्यापी है।’’

बनर्जी ने कहा कि अब तक 93 लाख छात्राओं ने ‘कन्याश्री’ योजना का लाभ उठाया है, जिसका उद्देश्य बाल विवाह को रोकना है और अगले साल यह संख्या एक करोड़ को पार कर जाएगी।

इस योजना के तहत, 13 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की गरीब स्कूली छात्राओं को सालाना 1,000 रुपये और वयस्क होने पर 25,000 रुपये की एकमुश्त सहायता दी जाती है, बशर्ते कि वे किसी शैक्षणिक या व्यावसायिक गतिविधि में लगी हों और अविवाहित हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए 17,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने भी सराहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘कन्याश्री के कारण प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई है। प्राथमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर शून्य है।’’

See also  SBI Life launches 'SBI Life - Smart Shield Plus', a future-ready term insurance plan designed for consumer's evolving insurance needs

उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करना है।

भाषा सुभाष मनीषा

मनीषा

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles