भुवनेश्वर/कटक, 14 अगस्त (भाषा) सभी पशुओं को जीने का अधिकार होने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान उनकी आबादी को नियंत्रित करके ही किया जा सकता है, न कि उन्हें आश्रय स्थलों में पहुंचाकर।
पशु चिकित्सा विज्ञान स्नातक भागवत उच्चतम न्यायालय के उस आदेश पर उठे विवाद पर टिप्पणी कर रहे थे जिसमें दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर स्थायी रूप से कुत्तों के आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने को कहा गया था।
कटक के जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में एक धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘इस समस्या का समाधान केवल आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करके ही किया जा सकता है। हालांकि, आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखकर इसका समाधान नहीं किया जा सकता।’’
एक उदाहरण देते हुए भागवत ने कहा कि गाय का दूध निकालते समय भारतीय कुछ दूध ले लेते हैं और बाकी बछड़े के लिए छोड़ देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन बनाने की कला है। विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाकर प्रकृति का संरक्षण किया जाना चाहिए।’’
कटक बैठक के बाद भागवत पुरी के लिए रवाना हुए, जहां वह शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती से मुलाकात करेंगे और श्री जगन्नाथ मंदिर में दर्शन करेंगे।
भागवत बुधवार शाम भुवनेश्वर पहुंचे और रात को शहर में स्थित उत्कल विपन्न सहायता समिति के कार्यालय में ठहरे।
आरएसएस प्रमुख 15 अगस्त को ओडिशा का अपना दौरा समाप्त कर वहां से रवाना होंगे।
भाषा शफीक माधव
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