26.7 C
Jaipur
Wednesday, August 20, 2025

स्वतंत्रता दिवस के बाद राष्ट्रीय ध्वज का सम्मानजनक तरीके से निपटान किया जाए : नगर निकाय

Newsस्वतंत्रता दिवस के बाद राष्ट्रीय ध्वज का सम्मानजनक तरीके से निपटान किया जाए : नगर निकाय

नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) दिल्ली में नगर निकायों ने निवासियों से अपील की है कि वे स्वतंत्रता दिवस समारोह और तिरंगा मार्च के दौरान इस्तेमाल किए गए राष्ट्रीय ध्वजों का सम्मानजनक तरीके से निपटान सुनिश्चित करें।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक अधिकारी ने कहा कि लोगों को राष्ट्रीय ध्वज फेंकना नहीं चाहिए और अगर वे उसे रख नहीं सकते हैं, तो वे उसे एमसीडी के क्षेत्रीय कार्यालय में ले जा सकते हैं, जहां झंडों को सुरक्षित रूप से रखा जाएगा या सम्मानजनक तरीके से उनका निपटान किया जाएगा।

अधिकारी ने कहा, “अगर आप खुद उचित निपटान का प्रबंध नहीं कर सकते, तो कृपया उन्हें (राष्ट्रीय ध्वज को) हमें सौंप दें। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उनका भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार निपटान किया जाए।”

नगर निकायों ने दिल्ली के नागरिकों से कहा है कि वे स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद राष्ट्रीय ध्वज को लापरवाही से न फेंकें, क्योंकि यह “न केवल अपमानजनक, बल्कि कानून के खिलाफ भी है।”

उन्होंने कहा है कि झंडों के संग्रह की निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

एमसीडी की स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यह (राष्ट्रीय ध्वज) हमारे देश का गौरव है और हमें न केवल स्वतंत्रता दिवस पर, बल्कि उसके बाद भी इसका सम्मान करना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे झंडों को कूड़ेदान में न फेंकें या ऐसी जगहों पर न छोड़ें, जहां उनका अनादर हो। उन्हें या तो उनका उचित तरीके से निपटान करना चाहिए या उन्हें सुरक्षित रखना चाहिए।”

वहीं, नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि, उनके झंडे दोबारा इस्तेमाल किए जा सकते हैं, इसलिए उनका उपयोग अन्य आयोजनों में भी किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, “हमारे सभी झंडे दोबारा इस्तेमाल करने लायक हैं। हम उन्हें वापस ले लेते हैं और अगले साल या अन्य समारोहों में इस्तेमाल के लिए सहेजकर रख लेते हैं। जो झंडे फट जाते हैं, लेकिन ठीक किए जाने योग्य हैं, उन्हें खादी इंडिया को दे दिया जाता है। जिन झंडों का दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, उनका हमारी एनडीएमसी संहिता के अनुसार निपटान कर दिया जाता है।”

भाषा पारुल रंजन

रंजन

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles