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Thursday, August 21, 2025

दूरस्थ इलाकों में खेलों का प्रचार लक्ष्य, राष्ट्रीय खेल नीति से मिलेगी मदद : प्रधानमंत्री मोदी

Newsदूरस्थ इलाकों में खेलों का प्रचार लक्ष्य, राष्ट्रीय खेल नीति से मिलेगी मदद : प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वह देश के दूर दराज के इलाकों में खेलों को बढावा देना चाहते हैं और हाल ही में स्वीकृत राष्ट्रीय खेल नीति 2025 से इस लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी ।

मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में लालकिले से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा ,‘‘ हम दूर दराज के इलाकों में खेलों का प्रचार प्रसार करना चाहते हैं । राष्ट्रीय खेल नीति से इसमें मदद मिलेगी ।’’

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी ) 2025 को पिछले महीने मंजूरी दी थी । यह देश के खेल परिदृश्य को नये सिरे से तैयार करने और खेलों के जरिये नागरिकों के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है ।

नयी नीति ने 2001 की राष्ट्रीय खेल नीति की जगह ली है । यह भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने और 2036 ओलंपिक समेत बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन का मजबूत दावेदार बनाने के लिये दूरदर्शी और रणनीतिक रोडमैप तैयार करती है ।

एनएसपी 2025 का लक्ष्य देश में मजबूत और समावेशी खेल ‘इकोसिस्टम’ तैयार करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बहुत प्रसन्नता होती है जब माता पिता अपने बच्चों को खेलने के लिये प्रेरित करते हैं ।

उन्होंने कहा ,‘‘ देश के विकास में खेलों की बड़ी भूमिका है और मुझे खुशी है कि आज बच्चे खेलों में रूचि लेते हैं तो माता पिता को गर्व महसूस होता है ।मेरा मानना है कि देश के भविष्य के लिये यह बहुत अच्छा संकेत है ।’’

उन्होंने कहा कि सरकार की खेलो भारत नीति देश में खेलां के क्षेत्र में मजबूत विकास को सुनिश्चित करेगी ।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ,‘‘ खेलों को बढावा देने के लिये कई दशक बाद हमने खेलो भारत नीति शुरू की जिसका लक्ष्य खेल के क्षेतग में विकास सुनिश्चित करना है ।स्कूली स्तर से ओलंपिक तक हमारा लक्ष्य देश में खेलों का संपूर्ण और मजबूत विकास करना है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘मैं आपसे फिटनेस के संबंध में एक चिंता भी साझा करना चाहता हूं । देश में मोटापा एक बड़ी समस्या है । विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में हर तीन में से एक व्यक्ति इसका शिकार होगा । हमें इस खतरे से खुद को बचाना है ।’’

भाषा मोना

मोना

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