राजस्थान में धर्मांतरण को लेकर बढ़ते तनाव के बीच, 14 अगस्त को सीकर शहर के शांति नगर इलाके में एक चर्च में हुई घटना ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया। धर्म परिवर्तन की सूचना पर पहुंचे विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वहां हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों के 17 लोगों को हिरासत में लिया और चर्च से कुछ सामग्री ज़ब्त की।
घटना का सिलसिलेवार घटनाक्रम
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को विहिप के कार्यकर्ताओं को सूचना मिली कि शांति नगर स्थित एक चर्च में धर्मांतरण गतिविधियां चल रही हैं। आरोप है कि दक्षिण भारत, महाराष्ट्र, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर से आए कुछ लोग पास की कच्ची बस्ती में रहने वाले परिवारों और बच्चों को धार्मिक साहित्य बांट रहे थे, और कथित रूप से पैसों या अन्य लाभ का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे।
यह सूचना फैलते ही बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में चर्च के बाहर जुट गए और अंदर मौजूद लोगों पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान स्थिति बिगड़ने लगी, जिसके बाद उद्योग नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों के 17 लोगों को हिरासत में लेकर थाने ले गई।
पुलिस की कार्रवाई और प्रारंभिक बयान
उद्योग नगर थाना प्रभारी मनोज भाटीवाड़ ने बताया कि पुलिस को रीको इंडस्ट्रियल एरिया स्थित शांति नगर में धर्मांतरण संबंधी सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचकर चर्च में मौजूद सामग्री ज़ब्त की गई। बाद में दोनों पक्षों ने थाने में अपनी-अपनी शिकायतें दर्ज करवाईं। पूछताछ के बाद सभी 17 लोगों को छोड़ दिया गया, जबकि मामले की जांच जारी है।
एडिशनल एसपी गजेंद्र सिंह जोधा के अनुसार, जब पुलिस पहुंची, तब चर्च में मौजूद लोगों और बाहर खड़े हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हो रही थी। पुलिस दोनों पक्षों को थाने लेकर आई, जहां चर्च पक्ष ने कहा कि वे केवल अपनी नियमित प्रार्थना कर रहे थे, जबकि हिंदू संगठनों का आरोप है कि यह “कमज़ोर परिवारों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन” कराने का मामला है।
स्थानीय और सामाजिक संदर्भ
राजस्थान के कई जिलों में हाल के वर्षों में धर्म परिवर्तन के आरोप और उनसे जुड़े विवाद बढ़े हैं। हालांकि, कानूनी दृष्टि से धर्म परिवर्तन तभी अपराध माना जाता है जब वह बल, दबाव, या लालच के माध्यम से कराया गया हो। पुलिस फिलहाल यह पता लगाने में जुटी है कि शांति नगर की घटना में क्या वास्तव में कोई अवैध गतिविधि हुई थी या यह धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत आने वाला मामला था।
ये भी पढ़ें:- 79वें स्वतंत्रता दिवस पर मोदी का आर्थिक तोहफा GST सस्ता, कारोबार आसान
Q. 14 अगस्त को सीकर के शांति नगर इलाके में क्या घटना हुई?
Ans. शांति नगर स्थित एक चर्च में कथित धर्मांतरण गतिविधियों की सूचना पर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों के 17 लोगों को हिरासत में लिया और चर्च से कुछ सामग्री ज़ब्त की।
Q. हिंदू संगठनों ने चर्च पर क्या आरोप लगाए?
Ans. उनका आरोप था कि चर्च में दक्षिण भारत, महाराष्ट्र, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर से आए लोग पास की कच्ची बस्ती के परिवारों और बच्चों को धार्मिक साहित्य बांट रहे थे और पैसों या अन्य लाभ का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे।
Q. चर्च पक्ष ने पुलिस को क्या स्पष्टीकरण दिया?
Ans. चर्च पक्ष का कहना था कि वे केवल अपनी नियमित प्रार्थना कर रहे थे और कोई धर्मांतरण गतिविधि नहीं कर रहे थे।
Q. कानूनी दृष्टि से धर्म परिवर्तन कब अपराध माना जाता है?
Ans. कानून के अनुसार धर्म परिवर्तन तभी अपराध है जब वह बल, दबाव या लालच के माध्यम से कराया जाए; अन्यथा यह धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत आता है।