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Wednesday, August 20, 2025

प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्य कथन: आत्मनिर्भर भारत पर जोर, किसानों की सुरक्षा का वादा

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नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने अब तक के सबसे लंबे भाषण में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वैश्विक बाजारों के लिए ‘‘दाम-कम, दम ज्यादा’’ वाले उत्पाद बनाने का आह्वान किया। उन्होंने किसानों के हितों की रक्षा के लिए दीवार की तरह खड़े रहने का वादा किया और कहा कि सरकार को सरकारी फाइलों में नहीं, बल्कि ‘‘लोगों की लाइफ’’ में रहना चाहिए।

उनके 103 मिनट के भाषण के मुख्य कथन इस प्रकार हैं–

* प्रकृति हम सबकी परीक्षा ले रही है। पिछले कुछ दिनों में, हमने कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है – भूस्खलन, बादल फटना और अनगिनत अन्य आपदाएं शामिल हैं।

* हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता आया है। देश के सीने को छलनी कर दिया गया है। अब, हमने एक ‘न्यू नॉर्मल’ स्थापित किया है। आतंक को और आतंकी को पालने-पोसने वालों को, आतंकियों को ताकत देने वालों को, अब हम अलग-अलग नहीं मानेंगे।

* अब भारत ने तय कर लिया है, खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। अब देशवासियों को भली-भांति पता चल गया है कि सिंधु समझौता कितना अन्यायपूर्ण है, कितना एकतरफा है। किसान हित में और राष्ट्रहित में, यह समझौता हमें मंजूर नहीं।

* विकसित भारत का आधार भी है आत्मनिर्भर भारत। जो दूसरों पर ज्यादा निर्भर रहता है, उसकी आजादी पर उतना ही बड़ा प्रश्न चिन्ह लग जाता है और दुर्भाग्य तो तब बन जाता है, जब निर्भरता की आदत लग जाए, पता ही ना चले, हम कब आत्मनिर्भरता छोड़ रहे हैं और कब किसी के निर्भर हो जाते हैं, यह आदत खतरे से खाली नहीं है।

* ऑपरेशन सिंदूर में हमने ‘मेड इन इंडिया’ का कमाल देखा। दुश्मन को अंदाजा भी नहीं था कि हमारे पास क्या हथियार और क्षमताएं हैं।

* सुधार एक सतत प्रक्रिया है; समय की मांग और परिस्थितियों के अनुसार सुधार किए जाने चाहिए। परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में, हमने बड़े सुधार किए हैं। हमने अब परमाणु ऊर्जा के द्वार निजी क्षेत्र के लिए भी खोल दिए हैं। हम अपनी शक्तियों को एकीकृत करना चाहते हैं।

* देश को विकसित बनाने के लिए, अब हम ‘समुद्र मंथन’ की ओर बढ़ रहे हैं। अपने समुद्र मंथन को आगे बढ़ाते हुए, हम समुद्र के नीचे तेल और गैस के भंडारों की खोज की दिशा में मिशन मोड में काम करना चाहते हैं। इसलिए, भारत नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन शुरू करने जा रहा है।

* आज लाल किले की प्राचीर से, मेरे देश के युवा वैज्ञानिकों से, देश के प्रतिभाशाली युवाओं से, देश के इंजीनियरों और पेशेवरों से, और सरकार के हर विभाग से मेरा यह सवाल है कि हमारे मेड इन इंडिया लड़ाकू विमानों का जेट इंजन हमारा होना चाहिए या नहीं?

* यह आगे बढ़ने का अवसर है, बड़े सपने देखने का अवसर है, अपने संकल्पों के प्रति समर्पित होने का अवसर है। जब सरकार आपके साथ है और मैं स्वयं आपके साथ हूं, तो अब हम एक नया इतिहास रच सकते हैं।

* विनिर्माण के क्षेत्र में लगे हम सभी लोगों के लिए हमारा मंत्र होना चाहिए: दाम कम, दम ज्यादा।

* भारत हम सबका है। आइए, हम सब मिलकर ‘‘वोकल फॉर लोकल’’ को प्रत्येक नागरिक के जीवन का मंत्र बनाएं।

* आइए, स्वदेशी पर गर्व करें। हमें इसका इस्तेमाल मजबूरी में नहीं, बल्कि अपनी ताकत के लिए करना चाहिए। स्वदेशी हमारी शक्ति होनी चाहिए। यही हमारा मार्गदर्शक मंत्र होना चाहिए। दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर स्वदेशी वस्तुओं के बोर्ड गर्व से लगाने चाहिए।

* पिछला दशक ‘‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’’ का रहा है। लेकिन अब हमें अपने प्रयासों में और ताकत लगानी होगी।

* जब राष्ट्र की ताकत बढ़ती है, तो उसका लाभ उसके नागरिकों को मिलता है।

* आज देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। हम बहुत जल्द इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। एक दिन ऐसा आएगा जब मैं आपके बीच आऊंगा और लाल किले की प्राचीर से यह खबर आपके साथ साझा करूंगा।

* भारत के किसान, भारत के पशुपालक, भारत के मछुआरे, ये हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकताएं हैं। मोदी उनके हितों की रक्षा के लिए दीवार की तरह खड़ा है।

* गरीबी क्या होती है, यह मुझे किताबों में पढ़ना नहीं पड़ा है। मैं जानता हूं, सरकार में भी रहा हूं और इसलिए मेरी कोशिश रही है, कि सरकार फाइलों में नहीं होनी चाहिए। सरकार देश के ‘‘नागरिकों के लाइफ में’’ होनी चाहिए।

* देश ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा अनेक बार सुना है, लाल किले से भी, और देश इसे बार-बार सुनते-सुनते थक गया था। लोग मान चुके थे कि गरीबी नहीं हट सकती। पिछले 10 वर्षों में, 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, जिससे एक ‘‘न्यू मिडिल क्लास’’ तैयार हुआ है।

* मोटापा हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है। हमें खुद को मोटापे से बचाना होगा। मैंने एक छोटा सा सुझाव दिया था कि परिवार तय करे कि जब खाने का तेल घर में आएगा 10 परसेंट कम ही आएगा और 10 परसेंट कम ही उपयोग करेंगे।

* हमारा देश भाषाई विविधता वाला है। इसलिए हमने मराठी, असमिया, बांग्ला, पाली और प्राकृत को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। मेरा मानना है कि हमारी भाषाएं जितनी समृद्ध होंगी, हमारी संपूर्ण ज्ञान-व्यवस्था उतनी ही मजबूत होगी।

* आज मैं बहुत गर्व के साथ एक बात का जिक्र करना चाहता हूं। आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, 100 साल राष्ट्र की सेवा, एक बहुत ही गौरवपूर्ण स्वर्णिम पृष्ठ है।

*आज, मैं यहां लाल किले के प्राचीर से 100 साल की इस राष्ट्र सेवा की यात्रा में योगदान करने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदरपूर्वक स्‍मरण करता हूं और देश गर्व करता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इस 100 साल की भव्‍य, समर्पित यात्रा को और हमें प्रेरणा देता रहेगा।

* पिछले 11 वर्षों में राष्ट्र सुरक्षा, राष्ट्र रक्षा, राष्ट्र के नागरिकों की रक्षा, इन सभी मोर्चों पर हमने पूरे समर्पण भाव से काम किया है।

* एक जमाना था जब बस्तर को याद करते ही माओवाद, नक्सलवाद, बम-बंदूक की आवाज सुनाई देती थी। उसी बस्तर में माओवाद, नक्सल से मुक्त होने के बाद जब बस्तर के नौजवान ओलंपिक में जाते हैं, हजारों नौजवान भारत माता के जय बोलकर के खेल के मैदान में उतरते हैं, पूरा वातावरण उत्साह से भर जाता है।

* षड्यंत्र के तहत, सोची-समझी साजिश के तहत देश की ‘डेमोग्राफी’ (जनसांख्यिकी) को बदला जा रहा है। एक नये संकट के बीज बोये जा रहे हैं और ये घुसपैठिए, मेरे देश के नौजवानों की रोजी-रोटी छीन रहे हैं। ये घुसपैठिए मेरे देश की बहन-बेटियों को निशाना बना रहे हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

* आने वाले 10 साल में, 2035 तक राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण स्थलों, जिनमें सामरिक के साथ-साथ नागरिक क्षेत्र–अस्पताल, रेलवे, आस्था के केंद्र — को टेक्नोलॉजी के नये प्लेटफॉर्म द्वारा पूरी तरह सुरक्षा का कवच दिया जाएगा। अब देश सुदर्शन चक्र मिशन लॉन्च करेगा। यह मिशन सुदर्शन चक्र, एक पावरफुल वेपन सिस्टम, दुश्मन के हमले को न्यूट्रलाइज तो करेगा ही करेगा, साथ ही कई गुना ज्यादा दुश्मन पर ‘हिट बैक’ भी करेगा।

* जब हम लोकतंत्र की बात करते हैं, स्वतंत्र भारत की बात करते हैं, हमारा संविधान हमारे लिए सर्वोत्तम दीप स्तंभ होता है, हमारा प्रेरणा का केंद्र होता है, लेकिन आज से 50 साल पहले भारत के संविधान का गला घोंट दिया गया था। भारत के संविधान की पीठ में छुरा घोंप दिया गया था, देश को जेलखाना बना दिया गया था, आपातकाल लगा दिया गया था, इमरजेंसी थोप दी गई थी।

* विकसित भारत बनाने के लिए ना हम रुकेंगे, ना हम झुकेंगे, हम परिश्रम की पराकाष्ठा करते रहेंगे और अपनी आंखों के सामने 2047 में विकसित भारत बना करके रहेंगे।

* इन सबके लिए एकता, यह मंत्र सबसे बड़ा शक्तिशाली मंत्र है और इसलिए एकता की डोर को कोई काट ना सके यह हमारा सामूहिक संकल्प होगा।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश

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