कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने 10 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले डूंगरी बांध के संबंध में सवाई माधोपुर में कहा कि कुछ लोग इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर घटिया राजनीति कर रहे हैं लोग 76 गांव विस्थापित होने की झूठी खबरें फैला रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि सिर्फ 7-8 गांव ही इस परियोजना से प्रभावित होंगे और इन गांवों के लोगों को सरकार पूरा मुआवजा और रहने के लिए बेहतर जगह देगी।
ERCP के तहत सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर डूंगरी बांध बनने की जैसे ही आहट हुई, और बांध की जगह का सर्वे हुआ तो लोगों ने कहा कि इसके डूब क्षेत्र में 76 गांव आ रहे हैं। इनमें से सबसे ज़्यादा सवाई माधोपुर विधानसभा के 34, बामनवास के 20, खण्डार के 4, सपोटरा के 13 और गंगापुर सिटी विधानसभा क्षेत्र के 5 गांव शामिल होंगे। और इसके लिए 22 जून को भूरी पहाड़ी गांव में महापंचायत भी बुलाई गई, जिसमें हज़ारों लोग शामिल हुए। जिसमें प्रह्लाद गुंजल समेत कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए थे।
ग्रामीणों की चिंता बढ़ी
सरकार ने ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। ERCP सवाई माधोपुर के उपमहाप्रबंधक ने पहले सभी तसीलदारों और सरकारी विभागों को पत्र लिख कर सरकारी भूमि का बांध निर्माण के लिए लेने पर आपत्तियां मांगी थीं, सभी ने कहा कि विभागों को कोई आपत्ति नहीं है। उसके बाद 10 जून को सपोटरा तहसीलदार, 2 जून को खण्डार तहसीलदार और उसी दिन मलारना डूंगर के तहसीलदार को पत्र लिख कर गांव के लोगों से ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही।
38 गांवों के भविष्य पर संकट
अगर इन सभी तहसीलदारों को भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने लिए के लिए कहा जा रहा तो जाहिर तौर पर गांवों की संख्या 7 से ज़्यादा है। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि 30 जून को सवाई माधोपुर में ERCP के जनरल मैनेजर ने सवाई माधोपुर के जिला कलेक्टर को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें सवाई माधोपुर में बांध के लिए 6530 हेक्टेयर यानी क़रीब 25 हज़ार 817 बीघा ज़मीन का अधिग्रहण करना है। इसी पत्र में उन्होंने लगभग 38 गांवों के नाम लिखे।
6 विधानसभा क्षेत्रों में असर तय
हालांकि, अभी तक ज़मीन अधिग्रहण के लिए किसी गांव से संपर्क नहीं किया गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर लगातर गांवों के नामों की लिस्ट तैर रही है। लोग नेताओं को ज्ञापन दे रहे हैं। इससे पहले ERCP का क्रेडिट लेने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों में लड़ाई शुरू दिन चल रही है। लेकिन अब इस मामले में विस्थापन का विरोध का रहे लोगों के साथ कांग्रेस खड़ी हो गई है, जिसका असर सीधे तौर पर 6 विधानसभाओं में होने वाला है।