उदयपुर-पिंडवाड़ा और उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे सबसे ज्यादा घातक, 100 करोड़ की योजना मंज़ूर
राजस्थान के उदयपुर ज़िले में दो साल के भीतर हुए 541 सड़क हादसों में जानलेवा मौतों ने प्रशासन और नागरिकों दोनों को चिंता में डाल दिया है। सबसे अधिक दुर्घटनाएं उदयपुर-पिंडवाड़ा और उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर दर्ज की गई हैं, जो भारी ट्रैफिक और ख़तरनाक मोड़ों से घिरे हुए हैं। हाल ही में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह चिंताजनक आंकड़े सामने आए।
उदयपुर-पिंडवाड़ा हाईवे: छह ब्लैक स्पॉट्स पर रोज़ मौत से जंग
उदयपुर से पिंडवाड़ा के बीच का हाईवे पहाड़ी क्षेत्र में आता है, जहां तीखे मोड़, ढलान और लगातार ट्रकों का आवागमन हादसों की वजह बन रहे हैं। यहां 6 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है, जो सड़क सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं।
उदयपुर-अहमदाबाद रूट भी खतरनाक, पांच ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित
उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे से होकर मुंबई और दक्षिण भारत की ओर भारी ट्रैफिक गुजरता है। तेज़ रफ्तार और ओवरलोडिंग के चलते यहां भी हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक 5 ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित किए जा चुके हैं।
ब्लैक स्पॉट सुधार के लिए केंद्र से 100 करोड़ की स्वीकृति
सांसद मन्नालाल रावत ने जानकारी दी कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बातचीत कर उदयपुर-पिंडवाड़ा हाईवे पर ब्लैक स्पॉट्स के सुधार के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करवाई है। जल्द ही उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे के लिए भी बजट मंज़ूर कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

अवैध कट्स और गांवों की एंट्री भी हादसों की वजह
हाईवे पर बने अवैध कट्स, और गांवों से अचानक निकलते वाहन भी हादसों का बड़ा कारण बन रहे हैं। पुलिस और प्रशासन इसके समाधान के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
बैठक में चर्चा: जागरूकता, सुरक्षा मानक और नीति सुधार जरूरी
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में ब्लैक स्पॉट्स की पहचान, गुड सेमेरिटियन नीति के प्रचार, और जागरूकता अभियान पर विशेष जोर दिया गया। प्रशासन, पुलिस और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर भविष्य में इन हादसों पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही हैं।