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Tuesday, September 2, 2025

मतदाता की पहचान के प्रमाण के रूप में आधार को मान्य घोषित करने से क्यों बच रहा है आयोग : स्टालिन

Newsमतदाता की पहचान के प्रमाण के रूप में आधार को मान्य घोषित करने से क्यों बच रहा है आयोग : स्टालिन

चेन्नई, 18 अगस्त (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने निर्वाचन नियमावली 1960 का हवाला देते हुए और बिहार में बड़ी संख्या में लोगों को मतदाता सूची से बाहर करने की आशंका जाहिर करते हुए सोमवार को सवाल किया कि निर्वाचन आयोग अन्य राज्यों में भी मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में आने वाली व्यावहारिक परेशानियों पर गौर करेगा।

राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा 17 अगस्त को किये गए संवाददाता सम्मेलन ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब देने के बजाय और सवाल खड़े कर दिये हैं।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘मतदाता की पहचान साबित करने के लिए आधार को स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची में शामिल करने से चुनाव आयोग को क्या रोक रहा है? अगर निर्वाचन आयोग का वास्तविक लक्ष्य निष्पक्ष चुनाव है तो क्यों नहीं प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और मतदाताओं के अनुकूल होनी चाहिए?’’

स्टालिन ने सवाल किया, ‘‘ इतनी बड़ी संख्या में योग्य मतदाताओं के नाम कैसे कट गए जब घर-घर जाकर गणना की गई है? नए मतदाताओं का पंजीकरण असमान्य रूप से कम है। इन युवाओं की गिनती कब की गई? क्या कोई आंकड़ा संकलित किया गया है जिससे पता चले कि योग्यता तिथि पर 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले कितने युवाओं को इसमें शामिल किया गया?’’

द्रमुक अध्यक्ष ने कहा, ‘‘निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के तहत जांच और दो अपील की प्रक्रिया और उनकी समय-सीमा के कारण बिहार में आगामी चुनावों में बड़ी संख्या में मतदाता चुनाव से बाहर हो सकते हैं। क्या निर्वाचन आयोग इस मुद्दे पर विचार करेगा? क्या निर्वाचन आयोग अन्य राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान इन व्यावहारिक कठिनाइयों पर संज्ञान लेगा?’’

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उन्होंने कहा, ‘‘17 जुलाई 2025 को हमने भारत निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि वह एक मई 2025 की अधिसूचना में उल्लिखित प्रक्रिया अपनाते हुए मृतक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दे। यह कब किया जाएगा?’’

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 17 अगस्त को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूचियों में सभी कमियों को दूर करना है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं और ‘‘ निर्वाचन आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर गोली चला रहे हैं।’’

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत

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