नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को कहा कि कुल 56.04 करोड़ प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) खातों में से 23 प्रतिशत निष्क्रिय हैं।
उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 31 जुलाई 2025 के अंत तक 56.03 करोड़ पीएमजेडीवाई खातों में से 13.04 करोड़ खाते निष्क्रिय हैं।
मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 2.75 करोड़ निष्क्रिय जन धन खाते हैं, इसके बाद बिहार में 1.39 करोड़ और मध्यप्रदेश में 1.07 करोड़ ऐसे खाते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 18 फरवरी 2009 के दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि किसी बचत खाते में दो साल से अधिक समय तक कोई लेनदेन नहीं होता है, तो उसे निष्क्रिय माना जाना चाहिए।
सरकार ने पीएमजेडीवाई खातों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) सहित कई कदम उठाए हैं। ये लाभ निष्क्रिय खातों में भी हस्तांतरित किए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि बैंक अपने खाताधारकों को पत्र, ईमेल या एसएमएस के माध्यम से उन खातों के बारे में लिखित रूप से सूचित करते हैं जो निष्क्रिय हो जाने वाले हैं और निष्क्रिय खातों के धारकों से तिमाही आधार पर पत्र, ईमेल या एसएमएस के माध्यम से संपर्क भी करते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत नामांकन को बढ़ावा देने के साथ-साथ निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने जैसे मुद्दों के लिए समय-समय पर विभिन्न विशिष्ट अभियान चलाती है।
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में, चौधरी ने बताया कि वर्तमान में यूपीआई लेनदेन पर शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
भाषा वैभव सुभाष
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