नई दिल्ली। देश के अगले उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में अब मुकाबला साफ होता नजर आ रहा है। एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं, विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक भी जल्द अपने उम्मीदवार का नाम सामने ला सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंडिया ब्लॉक राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकता है। खास बात यह है कि तिरुचि शिवा भी तमिलनाडु से आते हैं, वहीं एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का नाता भी तमिलनाडु से ही है। अगर यह समीकरण सच साबित होता है तो यह तय है कि देश का अगला उपराष्ट्रपति दक्षिण भारत से होगा।
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव पर नजर
राजनीतिक हलकों में अब यह चर्चा तेज हो गई है कि इस चुनाव में एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच किस तरह का मुकाबला देखने को मिलेगा। तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी बढ़ गई है। एनडीए द्वारा सीपी राधाकृष्णन का नाम आगे बढ़ाने के पीछे भी इसी चुनाव को बड़ी वजह माना जा रहा है। भाजपा की रणनीति साफ है कि राधाकृष्णन को तमिलनाडु की राजनीति में भुनाया जाए।
दिल्ली की राजनीति में सक्रिय
वहीं, विपक्षी खेमे में भी इस कदम को लेकर हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि विपक्ष तमिलनाडु के ही वरीय नेताओं में से किसी को आगे कर पलटवार की रणनीति बना सकता है। इसी कड़ी में डीएमके के वरिष्ठ नेता तिरुचि शिवा, जो लंबे समय से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हैं, विपक्ष की ओर से एक मजबूत विकल्प के तौर पर देखे जा रहे हैं।
कौन होगा तमिलनाडु का बड़ा चेहरा
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि तमिलनाडु का चुनाव इस बार सिर्फ राज्य तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि दिल्ली की राजनीति में भी इसका बड़ा असर देखने को मिलेगा। भाजपा जहां राधाकृष्णन को केंद्र में रखकर चुनावी जमीन मजबूत करना चाहती है, वहीं विपक्ष शिवा जैसे अनुभवी नेता पर दांव खेल सकता है।
वकील से सांसद तक का सफर,
तमिलनाडु के तिरुची में 15 मई 1954 को जन्मे शिवा पेशे से वकील हैं। शिवा लंबे समय से डीएमके से राज्यसभा सांसद है। इससे पहले वह 1996, 2002, 2007 और 2020 में भी राज्यसभा के लिए चुने जा चुके है।
विपक्ष के लिए बड़ा दांव बन सकते हैं शिवा
दिल्ली में डीएमके (DMK) की नीतियां और रणनीतियां तय करने में तिरुचि शिवा की अहम भूमिका रही है। संसद में पार्टी का रुख क्या होगा, इसे दिशा देने का काम भी लंबे समय से वही करते आए हैं। राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर पार्टी के रणनीतिक चेहरे के रूप में शिवा की पहचान बनी हुई है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण समितियों और विषयों में सक्रिय भूमिका निभाई है, जिससे पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान मिली। यही कारण है कि उन्हें उम्मीदवार के रूप में चुनना विपक्ष के लिए भी अहम माना जा रहा है।
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