(तस्वीर सहित)
नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) तमिलनाडु सरकार पर प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत मकान स्वीकृत नहीं करने और गरीबों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी दक्षिणी राज्य में 2,15,000 आवास पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत स्वीकृत नहीं किए गए हैं।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के लावू श्री कृष्ण देवरायलु
के एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए चौहान ने यह बात कही।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा, ‘‘मोदी सरकार में तमिलनाडु में गरीबों के मकान बनाने के लिए लक्ष्य तय किया गया है लेकिन अन्याय की पराकाष्ठा है कि एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी तमिलनाडु सरकार ने 2,15,000 मकान (पीएमएवाई-जी के तहत) स्वीकृत नहीं किए हैं।’’
चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों के मकान बनाने के लिए धन दे रही है और तमिलनाडु के खाते में केंद्र सरकार के अंश के रूप में 608 करोड़ रुपये हैं, लेकिन राज्य सरकार आवास स्वीकृत ही नहीं कर रही।
उन्होंने कहा, ‘‘यह गरीबों के साथ अन्याय है, धोखा है और पाप है।’’
मंत्री ने कहा कि 2024 में देश में कच्चे मकानों का सर्वे किया गया ताकि उन्हें पक्का किया जा सके, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने सर्वे तक नहीं कराया।
चौहान ने कहा, ‘‘आखिर इन्हें क्या तकलीफ है? गरीबों के लिए मकान बनाने से कहीं मोदीजी का नाम नहीं हो जाए, इसलिए नहीं बनने दे रहे?’’
चौहान ने कहा, ‘‘मैं तमिलनाडु सरकार से आग्रह करता हूं कि गरीबों के मकान बनाने के लिए सर्वे कराएं और आवास स्वीकृत करें।’’
भाषा
वैभव सुभाष
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