कोच्चि, 19 अगस्त (भाषा) कस्तूरी बिलावों के कारण केरल उच्च न्यायालय में मंगलवार को कार्यवाही ठप हो गई। मुख्य न्यायाधीश नितिन जमदार की अदालत में ‘फॉल्स सीलिंग’ में इन जानवरों के पेशाब की वजह से “असहनीय दुर्गंध” फैल गई, जिसके चलते कार्यवाही रोकनी पड़ी।
अदालत के सूत्रों ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायमूर्ति बसंत बालाजी की खंडपीठ ने अदालत की सूची में शामिल अत्यावश्यक और नए मामलों पर जल्दी से सुनवाई की और उन्हें अन्य तिथियों के लिए स्थगित कर दिया तथा इसके बाद कमरे को सफाई के लिए बंद कर दिया गया।
अदालत में मौजूद एक वरिष्ठ सरकारी वकील ने कहा कि कस्तूरी बिलाव के पेशाब की गंध की समस्या पिछले कुछ दिनों से थी, लेकिन सोमवार दोपहर से यह “असहनीय” हो गई थी।
वकील ने कहा, “आज सुबह भी बदबू बहुत ज्यादा थी। इसलिए जरूरी मामलों और ‘आज की सूची’ में शामिल मामलों को पीठ ने जल्दी से निपटा लिया और उसके बाद अदालत कक्ष को सफाई के लिए लगभग 11.30 बजे बंद कर दिया गया।”
यह स्पष्ट नहीं था कि न्यायालय अपनी सूची में शामिल अन्य मामलों पर दिन में सुनवाई फिर से शुरू करेगा या नहीं।
उन्होंने यह भी बताया कि कस्तूरी बिलाव को पकड़ने के लिए एक दिन पहले जाल बिछाया गया था और मंगलवार सुबह उनमें से एक जाल में फंसा हुआ मिला।
उन्होंने कहा, “कस्तूरी बिलाव मुख्य न्यायाधीश के न्यायालय कक्ष की फॉल्स सीलिंग में छिपे हुए थे और उन्होंने वहां पेशाब किया था।”
भाषा प्रशांत पवनेश
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