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Thursday, August 21, 2025

मंत्रिमंडल ने कोटा-बूंदी में 1,507 करोड़ रुपये के खर्च से नए हवाई अड्डे के निर्माण को मंजूरी दी

Newsमंत्रिमंडल ने कोटा-बूंदी में 1,507 करोड़ रुपये के खर्च से नए हवाई अड्डे के निर्माण को मंजूरी दी

नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) केंद्र सरकार ने मंगलवार को राजस्थान के कोटा-बूंदी में 1,507 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक नए हवाई अड्डे के निर्माण को मंजूरी दी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के इस फैसले की संवाददाताओं को जानकारी दी। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।

वैष्णव ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) इस परियोजना के लिए वित्त का इंतजाम आंतरिक स्रोतों से करेगा। हवाई अड्डे का निर्माण 24 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के लिए राजस्थान सरकार 1,089 एकड़ (करीब 440 हेक्टेयर) जमीन निःशुल्क उपलब्ध कराएगी। इसकी क्षमता सालाना 20 लाख यात्रियों को संभालने की होगी।

वैष्णव ने कि यह हवाई अड्डा क्षेत्रीय हवाई संपर्क को मजबूत करने के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा भी देगा।

यह हवाई अड्डा कोटा-बूंदी में बनाया जाना है जो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र भी है।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रस्तावित हवाई अड्डे में 20,000 वर्गमीटर क्षेत्रफल का टर्मिनल भवन होगा जो प्रति घंटे 1,000 यात्रियों और सालाना 20 लाख यात्रियों को संभाल सकेगा।

बयान के मुताबिक, कोटा में शहरीकरण और भूमि की कमी के कारण मौजूदा हवाई अड्डे का वाणिज्यिक परिचालन के लिए विस्तार कर पाना संभव नहीं है। मौजूदा हवाई अड्डे पर केवल छोटे विमानों (कोड बी श्रेणी) के परिचालन की ही सुविधा है।

राजस्थान सरकार ने हवाई अड्डे के लिए विमानपत्तन प्राधिकरण को 440.06 हेक्टेयर जमीन सौंप दी है। इस पर पतले आकार वाले एयरबस 321 श्रेणी के विमानों का परिचालन किया जा सकेगा।

चंबल नदी के किनारे बसे शहर कोटा को राजस्थान की औद्योगिक राजधानी एवं देश का शैक्षिक कोचिंग का गढ़ माना जाता है। ऐसे में हवाई अड्डा परियोजना क्षेत्र में बढ़ते यातायात की मांग को पूरा करने के लिहाज से अहम मानी जा रही है।

वैष्णव ने कहा कि पिछले 11 साल में देश में परिचालन वाले हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 2025 में 162 हो गई है। इस दौरान हवाई यात्रियों की संख्या भी 16.8 करोड़ से बढ़कर इस साल 41.2 करोड़ पर पहुंच गई है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

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