इ्स्लामाबाद, 19 अगस्त (भाषा) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान सरकार से केंद्रीय बैंक एसबीपी में सुधारों की दिशा में कुछ अहम कदम उठाने के लिए कहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
मंगलवार को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार से ‘स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान’ (एसबीपी) के निदेशक मंडल से वित्त सचिव को हटाने और डिप्टी गवर्नर के दो रिक्त पदों को तुरंत भरने की सिफारिश की है।
आईएमएफ ने इसके साथ ही कहा है कि बैंकिंग कंपनियां अध्यादेश, 1962 में संशोधन कर संघीय सरकार को वाणिज्यिक बैंकों का निरीक्षण कराने के अधिकार से भी वंचित किया जाए।
पाकिस्तान आईएमएफ के सात अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम को लागू कर रहा है। उसे मुद्राकोष से करीब एक अरब डॉलर की किस्त तभी मिलती है जब वह निर्धारित शर्तों का पालन करता है।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, मुद्राकोष ने दूसरी बार वित्त सचिव को एसबीपी के बोर्ड से हटाने की बात कही है। उसके सुझावों का मकसद पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता को और मजबूत करना है।
वर्ष 2022 में आईएमएफ के दबाव पर पाकिस्तान सरकार ने एसबीपी को पूर्ण स्वायत्तता देने के साथ वित्त सचिव के मतदान अधिकार समाप्त कर दिए थे। हालांकि, वह अब भी बोर्ड में सदस्य बने हुए हैं। आईएमएफ चाहता है कि एसबीपी के बोर्ड से उनकी मौजूदगी भी पूरी तरह खत्म हो जाए।
वर्तमान में तीन डिप्टी गवर्नर पदों में से दो पद खाली पड़े हुए हैं। मुद्राकोष ने कहा है कि ऐसी रिक्तियां लंबे समय तक नहीं रहनी चाहिए क्योंकि इससे नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं।
आईएमएफ का अगला समीक्षा मिशन सितंबर के तीसरे सप्ताह में पाकिस्तान आने की संभावना है।
भाषा प्रेम अजय प्रेम
अजय