नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) साख निर्धारित करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के निदेशक यीफार्न फुआ ने कहा कि प्रस्तावित दो ‘स्लैब’ की जीएसटी व्यवस्था प्रभावी कराधान दर को कम कर सकती है और लंबी अवधि में यह सरकार के राजस्व को बढ़ा सकती है।
फुआ की यह टिप्पणी केंद्र और राज्यों की बुधवार व बृहस्पतिवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले आई है। इसमें केंद्र द्वारा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी।
केंद्र सरकार ने जीएसटी व्यवस्था में सुधारों का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत कर ‘स्लैब’ को घटाकर केवल दो कर ‘स्लैब’ पांच और 18 प्रतिशत कर दिया जाएगा। कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष कर दर लागू की जाएगी।
जीएसटी के तहत वर्तमान में चार स्लैब 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं।
जीएसटी दरों में बदलाव से राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर फुआ ने कहा कि मौजूदा जीएसटी व्यवस्था जटिल है। इसमें चार अलग-अलग दरें हैं, जिससे लेखा-जोखा एवं क्रियान्वयन कभी-कभी काफी कठिन हो जाता है।
रेटिंग एजेंसी के निदेशक फुआ ने कहा कि इस प्रस्ताव पर केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रणाली में सुधारों से राजस्व पर प्रभाव पड़ने के आसार नहीं है।
केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार, वर्तमान 12 प्रतिशत ‘स्लैब’ में शामिल 99 प्रतिशत वस्तुओं को अब पांच प्रतिशत के स्लैब में लाया जाएगा, जबकि 28 प्रतिशत ‘स्लैब’ में शामिल 90 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत कर के दायरे में रखा जाएगा।
इन बदलावों से वर्गीकरण संबंधी विवाद, मुकदमेबाजी तथा कर चोरी की गुंजाइश कम होगी।
भाषा निहारिका अजय
अजय