नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) पश्चिम रेलवे ने अपने मंडलों से जूनियर और सीनियर सेक्शन इंजीनियर को टैबलेट कंप्यूटर उपलब्ध कराने को कहा है ताकि सिग्नल रखरखाव को सुव्यवस्थित किया जा सके और किसी गड़बड़ी का जल्द विश्लेषण किया जा सके।
पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर (पीसीएसटीई) ने 12 अगस्त को लिखे एक पत्र में छह जोन अहमदाबाद, मुंबई सेंट्रल, वडोदरा, भावनगर, राजकोट और रतलाम के मंडल रेल प्रबंधकों से आग्रह किया कि वे सिग्नलिंग एवं दूरसंचार (एस एंड टी) पर्यवेक्षकों के लिए टैबलेट कंप्यूटर की व्यवस्था करें, क्योंकि सिग्नलिंग रखरखाव प्रबंधन प्रणाली (एसएमएमएस) के कार्यान्वयन के कारण उनका कार्यभार बढ़ गया है।
पत्र में कहा गया, ‘‘एसएमएमएस को पूरे पश्चिम रेलवे में लागू किया जा रहा है। वर्तमान में, पश्चिम रेलवे की कुल 3,01,650 सिग्नलिंग परिसंपत्तियां एसएमएमएस में पंजीकृत हैं, और सिग्नल विफलताओं की प्रविष्टियों के अलावा, दैनिक औसत रखरखाव प्रविष्टियां 30,000 के आसपास हैं।’’
इसमें कहा गया, ‘सिग्नलिंग रखरखाव प्रबंधन प्रणाली में विफलताओं और रखरखाव गतिविधियों, दोनों के लिए एसएसई/जेई स्तर पर प्रतिदिन डेटा प्रविष्टियां की जानी हैं। मौजूदा सिग्नलिंग परिसंपत्तियों के एसएमएमएस डेटाबेस में नए जुड़ाव और परिवर्तन भी क्षेत्र स्तर पर की जाने वाली एक नियमित गतिविधि है।’
पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में एसएमएमएस में इन प्रविष्टियों को करने के लिए कोई स्थापित तंत्र नहीं है और ज्यादातर मामलों में, कर्मचारी डेटा प्रविष्टि के लिए अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो असुविधाजनक है और त्रुटि की आशंका बनी रहती है।
पत्र में कहा गया है, ‘इसके परिणामस्वरूप एसएमएमएस में डेटा दर्ज करने में नियमित रूप से देरी हो रही है। एसएमएमएस से डेटा का आकलन करने और एसएमएमएस से विफलता विश्लेषण की सुविधा के लिए, संबंधित जूनियर इंजीनियर (जेई) और सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) को टैबलेट प्रदान किए जाने की आवश्यकता है, जैसा कि इंजीनियरिंग विभाग में टीएमएस (ट्रैक प्रबंधन प्रणाली) के लिए किया गया है।’
इसमें कहा गया है, ‘टीएमएस के मामले में, सभी पी-वे पर्यवेक्षकों को टैबलेट प्रदान किए गए हैं। इसलिए, एसएमएमएस के लिए, प्रभागीय शक्ति के भीतर एसएंडटी पर्यवेक्षकों को समान क्षमता के टैबलेट प्रदान किए जाने चाहिए।’
भाषा आशीष नरेश
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