बेंगलुरु, 19 अगस्त (भाषा) धर्मस्थल मंजूनाथ स्वामी मंदिर के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े ने सौजन्या मामले के आरोपों और धर्मस्थल में कई हत्याओं, बलात्कारों और शवों को दफनाने के दावों को निराधार और झूठा करार देते हुए उन्हें खारिज कर दिया है।
हेगड़े ने इस मामले में सच्चाई सामने लाने के लिए एसआईटी जांच का स्वागत किया है।
कर्नाटक सरकार ने इन आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसने अंततः कई स्थानों पर खुदाई की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वहां मानव अवशेष मौजूद हैं।
श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर कॉलेज की द्वितीय वर्ष की प्री-यूनिवर्सिटी छात्रा सौजन्या (17) के साथ नौ अक्टूबर 2012 को कथित तौर पर बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। अब सौजन्या के लिए न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।
वीरेंद्र हेगड़े ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा,‘‘ये मुद्दे बेबुनियाद और झूठे हैं, तथा इन आरोपों से मैं सचमुच आहत हूं। सोशल मीडिया पर जिस तरह से चीजों को पेश किया जाता है, वह नैतिक रूप से गलत है।’’
गृह मंत्री जी परमेश्वर द्वारा विधानसभा में दिए गए बयान कि एसआईटी मामले की तह तक जाएगी, इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हेगड़े ने कहा, ‘‘ हमने उसी दिन एसआईटी का स्वागत किया था। यह अच्छी बात है कि राज्य सरकार ने इसका गठन किया है और अब सच सामने आना चाहिए। यह अच्छी बात नहीं है कि आरोप लगाए जाएं और वे वैसे ही बने रहें।’’
उन्होंने मामले की शीघ्र जांच की अपील की।
हेगड़े ने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि जांच जल्द से जल्द पूरी हो और मामला सुलझ जाए। हमारे सभी खाते, खासकर हम, खुले हैं। एसआईटी पूरी जांच करे और दोषियों को सजा मिले।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मस्थल और उसके ट्रस्ट को निशाना बनाकर 14 वर्षों से अधिक समय से एक ‘संगठित अभियान’ चलाया जा रहा है।
धर्माधिकारी ने कहा, ‘‘ हमारे द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों से चिढ़कर कुछ तत्व झूठे अभियान चलाते हैं, लेकिन हम इससे विचलित नहीं होते।’’
उन्होंने धर्मस्थल में शवों को दफनाने का दावा करने वाले एक नकाबपोश व्यक्ति के हालिया वीडियो का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह नामुमकिन है। यहां एक प्रचलित मान्यता है कि अगर किसी की मृत्यु धर्मस्थल में होती है, तो उसे मोक्ष मिलता है। जब भी कोई मृत्यु होती है, हम पंचायत को सूचित करते हैं और वे विधिवत जांच-पड़ताल करके शव को दफना देते हैं।’’
धर्माधिकारी ने चिंता व्यक्त की कि सोशल मीडिया ने युवाओं के मन-मस्तिष्क को प्रदूषित कर दिया है।
हेगड़े ने कहा, ‘‘वे चाहते हैं कि युवा आस्था से विमुख हो जाएं।’’
धर्माधिकारी ने कहा, ‘‘ जिस तरह से चीजों को दिखाया गया, उससे हम स्तब्ध और आश्चर्यचकित हैं। सोशल मीडिया एक बहुत ही सशक्त माध्यम है और हमारे कई शुभचिंतकों का कहना है कि हमने अपने अच्छे कामों के प्रचार के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं किया है। समाज में किया जाने वाला कार्य हमारा कर्तव्य है, प्रतिबद्धता है, सेवा है। विभिन्न सामाजिक कार्यों के माध्यम से हम सभी गांवों तक पहुंचे हैं और 55 लाख परिवारों तक पहुंचे हैं।’’
भाषा रवि कांत दिलीप
दिलीप