राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव को लेकर अब सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। आयोग जहां जल्द चुनाव कराने की बात कर रहा है, वहीं राज्य सरकार दिसंबर 2025 में ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ की तर्ज पर चुनाव कराने की तैयारी जता रही है। इन विरोधाभासी बयानों के चलते अब दोनों के बीच टकराव की स्थिति बनती दिखाई दे रही है।
18 अगस्त को राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि निकाय चुनाव जल्द से जल्द करवाए जाएं। कोर्ट ने साफ कहा कि परिसीमन के नाम पर चुनाव को अनिश्चितकाल तक टाला नहीं जा सकता। इसके बाद 19 अगस्त को राज्य निर्वाचन आयोग ने बयान जारी कर कहा कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा 10 दिनों में कर दी जाएगी और पूरी चुनाव प्रक्रिया दो महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी।
दिसंबर 2025 में चुनाव
लेकिन अब पंचायत और नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार के तेवर अलग नजर आ रहे हैं। दरअसल पंचायती राज एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार दिसंबर 2025 में चुनाव कराने की पूरी तैयारी कर रही है।
सरकार ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ की तर्ज पर दोनों चुनाव एक साथ कराने की दिशा में काम कर रही है। मंत्री खर्रा ने कहा कि इस संबंध में हाईकोर्ट के हालिया निर्देशों का अध्ययन किया जा रहा है और विधिक राय लेने के बाद जल्द ही अंतिम फैसला किया जाएगा।
वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर क्या बोले मंत्री
सरकार का कहना है कि इन चुनावों को समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से कराने की मंशा है, ताकि जनता के लोकतांत्रिक अधिकार सुरक्षित रह सकें। वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर मंत्री ने साफ तौर पर कह दिया है कि ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के तहत चुनाव करवाने में किसी तरह की कानूनी अड़चन नहीं है
वहीं राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता भी साफ तौर पर स्पष्ट कर चुके है कि जब तक संसद संविधान में संशोधन नहीं करती, स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव संभव नहीं हैं। निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यकाल को घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता।
1. राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव को लेकर विवाद क्यों है?
राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बयानों में अंतर है। सरकार दिसंबर 2025 में ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ की तर्ज पर चुनाव कराने की तैयारी कर रही है, जबकि आयोग जल्द चुनाव करवाने की बात कह रहा है।
2. हाई कोर्ट ने इस मामले में क्या कहा है?
18 अगस्त को राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि परिसीमन के नाम पर निकाय चुनाव को अनिश्चितकाल तक टाला नहीं जा सकता और जल्द चुनाव करवाए जाएं।
3. राज्य निर्वाचन आयोग की क्या स्थिति है?
आयोग ने 19 अगस्त को कहा कि चुनाव कार्यक्रम 10 दिनों में घोषित कर दिया जाएगा और पूरी प्रक्रिया दो महीने में पूरी की जाएगी।
4. सरकार की ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ योजना क्या है?
सरकार चाहती है कि पंचायत और निकाय दोनों चुनाव दिसंबर 2025 में एक साथ कराए जाएं। मंत्री झाबर सिंह खर्रा का कहना है कि इसमें किसी तरह की कानूनी अड़चन नहीं है।
5. चुनाव आयोग की आपत्ति किस बात को लेकर है?
राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता का कहना है कि जब तक संसद संविधान में संशोधन नहीं करती, स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव संभव नहीं हैं, क्योंकि निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता।