राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव कराने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश को डबल बेंच में चुनौती दी है। 18 अगस्त को प्रशासकों से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग और मुख्य सचिव को जल्द से जल्द चुनाव करवाने के निर्देश दिए थे।
अदालत ने साफ कहा था कि संविधान के तहत हर 5 साल में निकाय चुनाव अनिवार्य हैं और कार्यकाल खत्म होने के 6 महीने के भीतर चुनाव कराना जरूरी है। परिसीमन के नाम पर चुनाव को अनिश्चितकाल तक टालना संभव नहीं है। आज राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी। जस्टिस अवनीश झिंगन और जस्टिस बलजिंदर सिंह संधू की खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी।
चुनाव आयोग सहमत, लेकिन सरकार अलग रुख पर
हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने 19 अगस्त को बयान जारी कर कहा कि निकाय चुनाव तारीखों का जल्द ही ऐलान किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया दो महीने में पूरी कर ली जाएगी। लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि ‘वन स्टेट-वन इलेक्शन’ के तहत सभी चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।
मंत्री झाबर सिंह खर्रा का बयान
नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि दिसंबर में सभी 309 शहरी निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि निर्वाचन आयोग जल्द कार्यक्रम घोषित करता है तो सरकार इस पर विचार करेगी और जो भी जरूरी होगा, कदम उठाएगी।
राजस्थान में निकाय चुनाव को लेकर विवाद क्यों है?
राजस्थान हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हर 5 साल में निकाय चुनाव कराना अनिवार्य है और कार्यकाल खत्म होने के 6 महीने के भीतर चुनाव करवाने होंगे। लेकिन राज्य सरकार परिसीमन और “वन स्टेट-वन इलेक्शन” का हवाला देकर चुनाव टालना चाहती है। इसी वजह से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
हाईकोर्ट का आदेश क्या है?
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 18 अगस्त को राज्य निर्वाचन आयोग और मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि जल्द से जल्द चुनाव करवाए जाएं। कोर्ट ने कहा था कि चुनाव को अनिश्चितकाल के लिए टाला नहीं जा सकता।
सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को क्यों चुनौती दी?
राज्य सरकार चाहती है कि सभी चुनाव एक साथ हों। इसलिए उसने एकलपीठ के आदेश को हाईकोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी है।
इस मामले की सुनवाई कौन कर रहा है?
राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ – जस्टिस अवनीश झिंगन और जस्टिस बलजिंदर सिंह संधू इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
चुनाव आयोग का रुख क्या है?
राज्य निर्वाचन आयोग ने 19 अगस्त को कहा कि निकाय चुनाव के कार्यक्रम की जल्द घोषणा की जाएगी और पूरी प्रक्रिया दो महीने में पूरी हो सकती है।
सरकार का रुख क्या है?
सरकार ने साफ कहा है कि “वन स्टेट-वन इलेक्शन” के तहत ही सभी चुनाव कराए जाएंगे।
झाबर सिंह खर्रा का क्या बयान है?
नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि दिसंबर में सभी 309 शहरी निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। अगर आयोग पहले तारीखों का ऐलान करता है तो सरकार इस पर विचार करेगी और जरूरी कदम उठाएगी।