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Monday, August 25, 2025

पचपदरा रिफाइनरी विवाद: गहलोत ने पूछा काम क्यों अटका? बेनीवाल ने दे दिया जवाब

Fast Newsपचपदरा रिफाइनरी विवाद: गहलोत ने पूछा काम क्यों अटका? बेनीवाल ने दे दिया जवाब

राजस्थान रिफाइनरी परियोजना

राजस्थान रिफाइनरी परियोजना:- राजस्थान के पचपदरा-बालोतरा में बन रही रिफाइनरी परियोजना को लेकर सियासत एक बार फिर गरमा गई है। रविवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रिफाइनरी का दौरा कर प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने दावा किया कि यह परियोजना जल्द ही शुरू होगी, लेकिन उत्पादन शुरू होने की कोई तारीख नहीं बताई।

इस दौरे के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरने का मौका नहीं छोड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने परियोजना में देरी और लागत में बेतहाशा वृद्धि पर सवाल उठाए। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (X) पर भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। गहलोत ने अपने पोस्ट में लिखा भाजपा सरकार ने वर्ष 2025-26 की बजट घोषणा संख्या 158 में घोषणा की थी कि पचपदरा-बालोतरा स्थिति रिफाइनरी अगस्त, 2025 से उत्पादन शुरू कर देगी।

तारीख का जिक्र नहीं

उन्होंने कहा कि कल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रिफाइनरी का दौरा किया परन्तु दोनों द्वारा दिए गए बयानों एवं सरकारी प्रेस नोट में रिफाइनरी के उत्पादन को शुरू करने की तारीख का कोई जिक्र ही नहीं किया। यह आश्चचर्यजनक चुप्पी जनमानस में संदेह पैदा कर रही है।

गहलोत ने कहा कि  कांग्रेस सरकार के दौरान कोविड के बावजूद रिफाइनरी का काम तेजी से हुआ और 80% से अधिक काम पूरा किया गया। पहले 2013 से 2018 एवं अब 2023 से भाजपा सरकार की लेटलतीफी के कारण 37,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना की लागत लगभग एक लाख करोड़ के पार जा चुकी है।

सरकार बदलते ही थम गया काम

उन्होंने कहा कि  2013 में जब इस कार्य का शिलान्यास हुआ था तब सरकार बदलने के बाद यदि इसके काम को बन्द नहीं किया गया होता तो इसकी लागत इतनी नहीं बढ़ती। राजस्थान की जनता पूछ रही है कि डबल इंजन की सरकार के बावजूद रिफाइनरी का काम धीमा क्यों चल रहा है?

रिफाइनरी की तारीख पर सस्पेंस

रविवार को बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने एक प्रेस वार्ता कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। बेनीवाल ने कहा कि सरकार ने पहले मार्च और अगस्त 2025 में रिफाइनरी शुरू होने का दावा किया था, लेकिन अब कोई ठोस तारीख नहीं दी जा रही। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए रिफाइनरी का काम पूरा होने में अभी कम से कम दो से ढाई साल और लगेंगे, यानी 2028 से पहले इसका उत्पादन शुरू होना मुश्किल है।

सांसद ने परियोजना की बढ़ती लागत पर भी सवाल उठाए। बेनीवाल के मुताबिक, शुरुआत में रिफाइनरी की अनुमानित लागत 43,000 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है। उन्होंने आशंका जताई कि जब तक परियोजना पूरी होगी, तब तक लागत 1.30 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।

बिना कागज़ात दिए गए टेंडर

बेनीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार की उदासीनता और गलत कंपनियों को ठेके देने की वजह से यह देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों को बिना उचित कागजात के टेंडर दिए गए, जिसके कारण काम समय पर नहीं हो पाया और परियोजना लगातार पीछे खिसकती जा रही है। सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि केवल बातें हो रही हैं, धरातल पर कुछ नहीं हुआ। सरकार की इस परियोजना को पूरा करने की इच्छाशक्ति ही नहीं है।

 

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