Rajasthan SI Recruitment Exam: राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाते हुए सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द कर दिया है। यह कदम पेपर लीक प्रकरण के गंभीर आरोपों के चलते उठाया गया, जिसने हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के कई सदस्यों की संलिप्तता सामने आई है, जिससे भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठे। इस बीच, परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों ने इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी शुरू कर दी है। अभ्यर्थियों के वकील दशरथ सिंह ने कहा, “माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का हम सम्मान करते हैं, लेकिन किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। हम इस फैसले को डबल बेंच में चुनौती देंगे। यह हमारा मौलिक अधिकार है।”
वहीं, RPSC की संलिप्तता इस मामले में है, तो वे सदस्य आज भी RAS के इंटरव्यू ले रहे हैं, इस हिसाब से तो 5 साल की सभी भर्तियां सवालों के घेरे में आ जानी चाहिए।
पेपर लीक प्रकरण में आए इस बड़े फैसले ने हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य को अधर में लटका दिया है। याचिकाकर्ता के वकील हरेंद्र नील ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि कोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर बताया है कि RPSC के 6 सदस्य पेपर लीक में संलिप्त थे।
उन्होंने यह भी बताया कि तत्कालीन चेयरमैन के घर पर आरोपी बाबूलाल कटारा पहुंचे थे, ताकि कुछ अभ्यर्थियों को फायदा दिलाया जा सके। कोर्ट ने माना कि जब प्रश्नपत्र पूरे प्रदेश में लीक होकर ब्लूटूथ गिरोह तक पहुंच गया था, तब ऐसी स्थिति में भर्ती प्रक्रिया को मान्य ठहराना संभव नहीं है।
Q1. राजस्थान हाई कोर्ट ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को क्यों रद्द किया?
हाई कोर्ट ने माना कि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी। पेपर लीक पूरे प्रदेश में फैला और इसमें RPSC के 6 सदस्यों की संलिप्तता पाई गई।
Q2. इस फैसले से कितने अभ्यर्थियों पर असर पड़ेगा?
यह फैसला हजारों अभ्यर्थियों को प्रभावित करेगा, जिनका चयन हो चुका था या जो इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए थे।
Q3. सफल अभ्यर्थियों की अगली कानूनी रणनीति क्या है?
सफल अभ्यर्थियों ने फैसले को डबल बेंच में चुनौती देने की तैयारी की है। उनके वकील दशरथ सिंह ने कहा कि “फैसले का सम्मान है, लेकिन अन्याय नहीं होना चाहिए।”
Q4. कोर्ट ने RPSC की भूमिका को लेकर क्या कहा?
कोर्ट ने पाया कि RPSC के 6 सदस्य सीधे संलिप्त थे और यहां तक कि आरोपी बाबूलाल कटारा तत्कालीन चेयरमैन के घर पर कुछ उम्मीदवारों को फायदा दिलाने की मंशा से पहुंचे थे।
Q5. इस फैसले से भविष्य की भर्तियों पर क्या असर पड़ सकता है?
फैसले से यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि जब RPSC के संलिप्त सदस्य आज भी इंटरव्यू ले रहे हैं, तो पिछले 5 साल की अन्य भर्तियां भी जांच के घेरे में आ सकती हैं।
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