जयपुर। एसआई भर्ती रद्द करने के फैसले पर रोक लगने के बाद एक बार फिर गहमागहमी बढ़ गई है। आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि उनकी संवेदनाएं अभ्यर्थियों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि, भर्ती परीक्षा में करीब 600 फर्जी अभ्यर्थी थे और केवल 260 ईमानदार उम्मीदवार रह गए। बेनीवाल ने कहा कि अगर भर्ती रद्द भी हो जाए तो इसमें कोई बड़ी दिक्कत नहीं है। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अभ्यर्थियों से कहा कि “1800 नई वैकेंसी आ रही हैं, तो फिर से तैयारी कर लो। हम तो 25 साल से लड़ रहे हैं, कौनसी सरकार बन गई। अब तुम भी एक साल लड़ लो।”
उन्होंने कहा आगे कहा कि “नौकरी सबकुछ नहीं है और वैसे भी कोई ईमानदारी से सेवा करने के लिए थानेदार थोड़े बनता है। कोई सेवा के लिए थोड़े आता है। वो तो यही सोचता है कि मंथली कितना हो और मलाई कितनी मिले।” बेनीवाल के इस बयान ने पुलिस सेवा और नौकरी की नैतिकता को लेकर बहस छेड़ दी है।
हम जैसे लोग तो गाड़ियां भी नहीं खरीद पा रहे
हनुमान बेनीवाल ने पुलिस भर्ती और थानेदारों की संपत्ति को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि साल 1997-98 में जिन लोगों के पास पैसे नहीं थे, आज वही थानेदार बनने के बाद करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी के मालिक बन गए हैं। बेनीवाल ने आगे कहा कि, “हम जैसे लोग तो गाड़ियां भी नहीं खरीद पा रहे हैं और 10 साल बाद भी पुरानी गाड़ी चला रहे हैं।” नागौर सांसद ने पुलिस भर्ती पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “परीक्षा पास करने के बाद लोग सोचते हैं कि बढ़िया रिश्ता हो जाए और खूब लूट-खसोट करें। सेवा के लिए तो सिर्फ 2 फीसदी लोग ही आते हैं।”
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. एसआई भर्ती रद्द करने के फैसले पर रोक क्यों लगी?
राजस्थान में एसआई भर्ती रद्द करने के फैसले पर अदालत या संबंधित अधिकारियों ने फिलहाल रोक लगा दी है, जिससे भर्ती प्रक्रिया में अस्थायी ठहराव आ गया है।
2. हनुमान बेनीवाल ने अभ्यर्थियों के लिए क्या संदेश दिया?
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि 1800 नई वैकेंसी आ रही हैं, इसलिए अभ्यर्थियों को फिर से तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भर्ती रद्द भी हो जाए तो बड़ी समस्या नहीं है।
3. हनुमान बेनीवाल ने पुलिस सेवा को लेकर क्या आरोप लगाए?
उन्होंने कहा कि नौकरी सबकुछ नहीं है और अधिकांश थानेदार सेवा के लिए नहीं आते, बल्कि मंथली सैलरी और अन्य लाभों के लिए काम करते हैं।
4. बेनीवाल ने थानेदारों की संपत्ति को लेकर क्या कहा?
उन्होंने आरोप लगाया कि 1997-98 में जिनके पास पैसे नहीं थे, आज वही थानेदार बनने के बाद करोड़ों रुपए की संपत्ति के मालिक बन गए हैं, जबकि आम लोग 10 साल बाद भी पुरानी गाड़ी चला रहे हैं।
5. नागौर सांसद ने पुलिस भर्ती पर क्या सवाल उठाए?
सांसद ने कहा कि परीक्षा पास करने के बाद अधिकांश लोग संबंधों और लाभ की सोच रखते हैं और सेवा के लिए केवल 2 फीसदी लोग ही आते हैं।

