उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (MLSU) की कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान पर घिर गई हैं। विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर माफी मांग ली है, लेकिन मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। दरअसल, गुरुनानक कॉलेज में हुए एक सेमिनार के दौरान प्रो. सुनीता मिश्रा ने औरंगजेब को कुशल प्रशासक बता दिया था। इस बयान का जबरदस्त विरोध हुआ और छात्रों ने उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में उनके दफ्तर में करीब 6 घंटे तक बंधक बना लिया।
शाम 5:30 बजे से रात 11:17 बजे तक कुलपति का दफ्तर घेराबंदी में रहा। छात्रों ने दफ्तर के बाहर गेट पर ताला जड़ दिया और बिजली तक काट दी। आखिरकार प्रशासन ने छात्रों को आश्वासन दिया कि जब तक विवाद का समाधान नहीं होता, तब तक कुलपति विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं करेंगी। इसके बाद ही छात्रों ने अपना धरना समाप्त किया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद मंगलवार को कुलपति सुनीता मिश्रा ने अपने बयान पर खेद जताते हुए माफी मांग ली। लेकिन अब श्री राजपूत करणी सेना ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और विवाद और भी तूल पकड़ने लगा है।
प्रो. मिश्रा ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि 12 सितंबर को ‘विकसित भारत 2047’ विषय पर हुए सेमिनार के दौरान उनसे अनजाने में कुछ ऐसा कह दिया गया, जिससे समाज को ठेस पहुंची। कुलपति ने स्वीकार किया कि यह उनकी गलती थी और उनका किसी की भावनाओं को आहत करने का कोई उद्देश्य नहीं था। उन्होंने कहा, “मैं बार-बार राजपूत समुदाय और पूरे समाज से माफी मांगती हूं। मुझे खेद है कि मेरे शब्दों से लोगों की भावनाएं आहत हुईं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल ‘विकसित भारत 2047’ पर चर्चा करना था, न कि किसी समुदाय या समाज का अपमान करना। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इस विवाद के बाद आश्वासन दिया है कि संस्थान में शैक्षणिक वातावरण बेहतर बनाए रखा जाएगा और सभी समुदायों का सम्मान सुनिश्चित किया जाएगा।
करणी सेना ने कुलपति की माफी ठुकराई
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (MLSU) की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा के औरंगजेब पर दिए बयान को लेकर उठे विवाद के बाद अब श्री राजपूत करणी सेना ने भी मोर्चा खोल दिया है। करणी सेना ने उनकी बर्खास्तगी की मांग करते हुए मेवाड़ के सम्मान की रक्षा के लिए सर्व समाज से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है। श्री राजपूत करणी सेना के संभाग अध्यक्ष डॉ. परमवीर सिंह दुलावत ने राज्यपाल से मांग की है कि वे जल्द से जल्द कुलपति को उनके पद से बर्खास्त करें।
उन्होंने कहा कि “जो लोग मेवाड़ की संस्कृति और गौरव का अपमान कर रहे हैं, उनके खिलाफ पूरे समाज को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।” दुलावत ने कुलपति की माफी को अस्वीकार करते हुए कहा, “यह कृत्य माफी के लायक नहीं है। जब तक वे मेवाड़ छोड़कर नहीं जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। हमारी केवल एक मांग है—कुलगुरु तत्काल मेवाड़ छोड़ें।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि करणी सेना इस मामले को लेकर उदयपुर बंद का आह्वान करेगी। संगठन का कहना है कि यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक कुलपति को हटाया नहीं जाता।