अजमेर। आनासागर झील वेटलैंड पर अवैध रूप से निर्मित सात अजूबों में से सबसे विवादित ‘पीसा की झुकी हुई मीनार’ बुधवार रात बुलडोजर की मदद से ध्वस्त कर दी गई। मीनार गिराए जाने के बाद मौके पर मौजूद अधिकारियों ने “जय श्री राम” और “बालाजी महाराज की जय” के नारे लगाकर अपनी खुशी जाहिर की। अधिकारियों ने मीनार गिरने के बाद तालियां बजाईं और एक-दूसरे से हाथ मिलाकर उत्साह व्यक्त किया। घटना के दौरान अधिकारियों के चेहरों पर मीनार गिराने की सफलता की खुशी साफ़ दिखाई दे रही थी।
सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के बाद, 2022 में लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए सात अजूबों की प्रतिकृतियों को ध्वस्त कर दिया गया। इनमें ताजमहल, एफिल टॉवर और पीसा की झुकी हुई मीनार प्रमुख थीं। सरकार ने मार्च 2025 में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि छह महीने के अंदर अवैध निर्माण हटा दिए जाएंगे। यह समय सीमा 17 सितंबर को पूरी हो गई। हालांकि, अब तक कोर्ट में इस कार्रवाई के लिए कोई नया हलफनामा पेश नहीं किया गया है और न ही सुनवाई की नई तारीख तय की गई है। स्थानीय प्रशासन ने इसे वेटलैंड संरक्षण और अवैध निर्माण रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया, लेकिन कोर्ट में प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।
पहले ही तोड़ी जा चुकी थीं कई प्रतिकृतियाँ
करीब 12 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए सेवन वंडर प्रोजेक्ट को ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के बाद शहरवासियों ने प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। पहले ही रोम का कोलोसियम, मिस्र के पिरामिड, स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी, क्राइस्ट द रिडीमर और एफिल टॉवर जैसी प्रतिकृतियाँ ध्वस्त की जा चुकी थीं। अब अंतिम प्रतीक पीसा की झुकी मीनार भी जमींदोज कर दी गई।
पीसा की झुकी मीनार इटली के पीसा शहर में स्थित गिरजाघर का घंटाघर है, जो अपने लगभग चार डिग्री के झुकाव के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसे आधुनिक दुनिया के 7 अजूबों में शामिल करने का प्रस्ताव था, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसे सूची में शामिल नहीं किया गया। इस मीनार का असली नाम कैथेड्रल ऑफ सेंट मैरी ऑफ द असेम्प्शन (Pieve di Santa Maria Assunta) का घंटाघर है, जो गिरजाघर परिसर का हिस्सा है। अजमेर के वेटलैंड एरिया में इसी मीनार की प्रतिकृति बनाई गई थी, जिसे अवैध निर्माण होने के चलते हाल ही में ध्वस्त कर दिया गया।