जयपुर। राजस्थान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संगठन विस्तार का कार्यक्रम कई महीनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के नेतृत्व में नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर पार्टी में उत्सुकता चरम पर है, लेकिन अभी तक इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सका है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, देरी के पीछे कई कारण हैं। इनमें सत्ता और संगठन में नए-पुराने नेताओं के बीच संतुलन बनाना, जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखना और अन्य दलों से आए नेताओं को समायोजित करना प्रमुख हैं। इसके अलावा, पार्टी को अपने मूल कार्यकर्ताओं की नाराजगी से बचने की चुनौती भी है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन पार्टी की संगठनात्मक मजबूती और आगामी चुनावी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। राजस्थान में बीजेपी की सरकार को डेढ़ साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अब तक संगठनात्मक और राजनीतिक नियुक्तियों का कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और अन्य दलों से कई बड़े नेता अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे। लेकिन इन नेताओं में से अधिकांश को न तो सत्ता में कोई महत्वपूर्ण पद मिला है और न ही संगठन में कोई जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह स्थिति बीजेपी के लिए बड़ी दुविधा बन गई है। संगठन के भीतर संतुलन बनाए रखना, पुराने और नए नेताओं के बीच मेल बैठाना और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को रोकना पार्टी की सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।
संतुलन बनाए रखना पार्टी की एकता के लिए जरूरी
राजस्थान में बीजेपी के सामने संगठन और सत्ता में संतुलन बनाए रखना बड़ी चुनौती बन गया है। पार्टी को अपने मूल कार्यकर्ताओं की अनदेखी किए बिना उन्हें सम्मान देना है, जो लंबे समय से संगठन के लिए काम कर रहे हैं। वहीं, हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए नए नेताओं को समायोजित न करने से उनकी नाराजगी भी बढ़ सकती है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस संतुलन को बनाए रखना पार्टी की एकता और भविष्य की रणनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी नेतृत्व इस मामले में संवेदनशील कदम उठा रहा है, ताकि संगठन में सभी वर्गों और नेताओं की संतुष्टि बनी रहे और आगामी चुनावी तैयारी प्रभावित न हो।
मंत्रिमंडल और संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक कयास लगाए जा रहे है कि राजस्थान में बीजेपी संगठन और मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। कुछ मौजूदा मंत्रियों को सरकार से हटाकर संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं, जबकि संगठन के कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। पार्टी का लक्ष्य इस फेरबदल के माध्यम से 2028 के विधानसभा चुनावों के लिए अपनी स्थिति मजबूत करना है।
हाल ही में अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अन्य नेताओं की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, राजेंद्र राठौड़, सुखबीर जौनपुरिया, कैलाश चौधरी, ज्योति मिर्धा और अशोक परनामी जैसे नेताओं को बोर्ड, निगम या आयोगों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। जयपुर और दिल्ली के बीच लगातार बातचीत जारी है और जल्द ही इन नियुक्तियों पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह फेरबदल पार्टी की संगठनात्मक मजबूती और आगामी चुनावी रणनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
BJP की नई कार्यकारिणी में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर जोर
राजस्थान में बीजेपी की नई कार्यकारिणी में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता दी जाएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इसमें आदिवासी, दलित, ओबीसी और युवा नेताओं को विशेष तरजीह दी जा सकती है। इसके तहत पुराने नेताओं को हटाकर नए चेहरों को मौका देने की रणनीति पर भी विचार किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि नई कार्यकारिणी में भूपेंद्र सैनी, विजेंद्र पूनिया, कैलाश मेघवाल और मिथलेश गौतम को प्रदेश महामंत्री बनाए जाने की संभावना है। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष के पद के लिए नाहर सिंह जोधा, मुकेश दाधीच, ज्योति मिर्धा, अनिता कटारा, सरदार सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, ज्योति खंडेलवाल, छगन माहुर, सुरेश यादव, बिहारीलाल विश्नोई और हकरू मईडा के नाम चर्चा में हैं।
प्रदेश मंत्री के पद के लिए सीमा माथुर, रत्ना कुमारी, विष्णु चेतानी, घेवर सिंह रैगर, आईदान सिंह भाटी, सरोज प्रजापत, सीताराम पोसवाल और अपूर्वा सिंह के नाम सामने आ रहे हैं। हालांकि, इन नामों पर अंतिम फैसला अभी बाकी है।
मदन राठौड़ की नई टीम का इंतजार जारी
राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को 22 फरवरी 2025 को विधिवत रूप से प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था। इसके सात महीने गुजरने के बावजूद वे अपनी नई टीम और विभिन्न मोर्चों-प्रकोष्ठों की घोषणा अभी तक नहीं कर पाए हैं। संगठन के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा तो हो चुकी है, लेकिन नई टीम का ऐलान अभी लंबित है।
राजस्थान बीजेपी में सोशल मीडिया पर वायरल हुई कथित कार्यकारिणी की सात पेज की सूची ने पार्टी में हलचल पैदा कर दी है। इस सूची में कुल 38 पदाधिकारियों के नाम शामिल बताए गए थे।
सूची में शामिल पद और संख्या इस प्रकार हैं:
- 10 उपाध्यक्ष
- 4 महामंत्री
- 10 मंत्री
- 1 कार्यालय मंत्री
- 1 कार्यालय प्रभारी
- 6 प्रवक्ता
- 1 आईटी संयोजक
- 1 आईटी सह-संयोजक
- 1 सोशल मीडिया संयोजक
- 1 सोशल मीडिया सह-संयोजक
- 1 प्रकोष्ठ संयोजक
- 1 मीडिया सह-संयोजक
सूची वायरल होने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं में असंतोष देखा गया, क्योंकि इसमें कई अप्रत्याशित और विवादास्पद नाम शामिल थे। पार्टी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि यह सूची अधिकारिक नहीं थी और केवल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी।