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Wednesday, October 8, 2025

Udaipur Controversy: विश्वराज सिंह बोले- आखिर यह कब तक चलेगा, कुलपति उदयपुर में और नहीं…

NewsUdaipur Controversy: विश्वराज सिंह बोले- आखिर यह कब तक चलेगा, कुलपति उदयपुर में और नहीं...

उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी की कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा के विवादित बयान पर मेवाड़ पूर्व राज परिवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मेवाड़ पूर्व राज परिवार के सदस्य और नाथद्वारा से विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने इस बयान पर कड़ा विरोध जताया। विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि “जो बयान सामने आया है, उस पर विश्वास नहीं होता कि कोई वाइस चांसलर इस प्रकार बोल सकता है। इससे सभी लोगों में नाराजगी है। लंबे समय से यह देखा जा रहा है कि मेवाड़ के इतिहास के बारे में विवादित बयान दिये जाते हैं। आखिर यह कब तक चलेगा। कभी ना कभी इसे रोकना ही होगा। कुलपति उदयपुर में और नहीं रहनी चाहिए।”

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार (20 सितंबर) रात 10 बजे मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा को हटाने की मांग पर भूख हड़ताल पर बैठे एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को जूस पिला कर अनशन तुड़वाया।

VC Sunita Mishra Controversy

गहलोत ने कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाना जरूरी है, लेकिन स्वास्थ्य और सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने पूर्व सीएम के इस कदम का स्वागत किया और कहा कि उनकी मांग को गंभीरता से लिया जाएगा।

क्या है पूरा मामला जानिए

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलपति सुनीता मिश्रा ने एक कार्यक्रम में मुगल बादशाह औरंगजेब को कुशल प्रशासक बताया था। इसके साथ ही उन्होंने महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर को ‘समकक्ष राजा’ करार दिया। इस बयान से छात्रों में गुस्सा और नाराजगी फैल गई।

छात्रों ने इसे मेवाड़ और भारतीय इतिहास का अपमान करार दिया। इसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और NSUI सहित कई छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में छात्र कुलगुरु के ऑफिस के बाहर इकट्ठा हुए और नारेबाजी करते हुए दफ्तर के गेट पर ताला लगा दिया। इसके साथ ही छात्रों ने बिजली भी काट दी।

शाम साढ़े 5 बजे से रात करीब सवा 11 बजे तक प्रो. सुनीता मिश्रा ऑफिस के अंदर ही रहीं। छात्रों ने चेतावनी दी थी कि कुलगुरु की बर्खास्तगी तक आंदोलन जारी रहेगा। विवाद और बढ़ता देख, कुलगुरु ने माफी मांगकर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया।

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