Fake currency created with ChatGpt: चित्तौड़गढ़ नकली नोट मामला: चित्तौड़गढ़ में एआई तकनीक का इस्तेमाल कर नकली नोट बनाने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। तीन युवकों ने चैट जीपीटी और सोशल मीडिया के जरिए नकली नोट बनाने की विधि सीखी और 500 रुपए के हूबहू नोट तैयार करना शुरू कर दिया। मामला तब पकड़ा गया, जब कोतवाली पुलिस ने त्रिपोलिया चौराहा पर बाइक सवार इन तीनों युवकों को रोककर तलाशी ली। उनके पास से 15,000 रुपए के नकली नोट बरामद हुए। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने नकली नोट बनाने की तकनीक चैट जीपीटी से सीखी थी। पुलिस ने पूरी साजिश का खुलासा करते हुए कार्रवाई की।
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चित्तौड़गढ़ नकली नोट मामला आरोपी आसिफ अली और आदिल खान सारोला (झालावाड़), जबकि शाहनवाज खान कैथून (कोटा) के रहने वाले हैं। तीनों की उम्र 27 साल बताई गई है। शहर कोतवाली के थानाधिकारी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू करवाई है और विजयपुर के एसएचओ मामले की छानबीन कर रहे हैं। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने नकली नोट बनाकर कम पढ़े-लिखे लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश की। जब पहली बार बाजार में 5 नकली नोट चल गए, तो उनका हौसला और बढ़ गया।
गिरोह का नकली नोट खेल पकड़ा
ये तीनों युवक बाइक पर चित्तौड़गढ़ किले की सैर करने आए थे। चित्तौड़गढ़ नकली नोट मामले में गिरोह का मास्टरमाइंड आसिफ के पास 500 रुपए के 13 नकली नोट बरामद हुए। आदिल के पास 500 रुपए के 6 और शाहनवाज के पास 500 रुपए के 11 नकली नोट मिले। जांच में यह भी सामने आया कि जब्त किए गए नकली नोटों की सीरीज एक जैसी थी, जिससे पता चला कि यह काम संगठित तरीके से किया गया था।
नकली नोट अड्डा
विजयपुर थानाधिकारी प्रभु सिंह चूंडावत के मुताबिक, सारोला गांव में आरोपियों ने दूसरे मोहल्ले में एक कमरा किराए पर लेकर चित्तौड़गढ़ नकली नोट छापने का काम चलाया। युवकों ने मकान मालिक से कहा कि वे कंप्यूटर का काम कर रहे हैं। पुलिस ने मौके से प्रिंटर, खास किस्म का कागज, स्याही, केमिकल, हरी टेप, सांचा और वाटरमार्क तैयार करने के लिए लकड़ी का फ्रेम बरामद किया।
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